भीलवाड़ा में चरागाह भूमि पर अतिक्रमण का मामला: हाईकोर्ट का कलेक्टर को 6 सप्ताह में कार्रवाई का आदेश

भीलवाड़ा में चरागाह भूमि पर अतिक्रमण का मामला: हाईकोर्ट का कलेक्टर को 6 सप्ताह में कार्रवाई का आदेश
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भीलवाड़ा हलचल : जिले की गोचर (चरागाह) भूमि पर लगातार हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ आखिरकार न्याय का दरवाजा खुल गया है। एक गैर सरकारी संस्था, पब्लिक पावर एंड अवेयरनेस सोसायटी, द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने जिला कलेक्टर भीलवाड़ा को इस मामले पर 6 सप्ताह के भीतर कानून के अनुसार निर्णय लेने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।यह आदेश भीलवाड़ा के सैकड़ों पशुपालकों और किसानों के लिए एक बड़ी राहत बनकर आया है, जो लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे थे।

संस्था के अधिवक्ता मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि संस्था ने जिले के अन्य हिस्सों में गोचर भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार जिला कलेक्टर भीलवाड़ा को प्रार्थना पत्र दिए थे। हालांकि, इन शिकायतों पर जिला कलेक्टर द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।जब जिला प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया, तो संस्था ने व्यथित होकर राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।

हाईकोर्ट का सख्त रुख: 6 सप्ताह में एक्शन लेने का आदेश

याचिका (एसबी सिविल रिट पिटिशन नंबर 16275/2025) पर सुनवाई करते हुए, न्यायालय ने 28 अगस्त 2025 को एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया। न्यायालय ने याचिकाकर्ता संस्था को चार सप्ताह के भीतर आदेश की प्रति के साथ एक नया आवेदन जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है।इसके साथ ही, न्यायालय ने जिला कलेक्टर को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे संस्था द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले नए आवेदन पर 6 सप्ताह के भीतर कानून के अनुसार निर्णय लें और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।

उम्मीद की नई किरण: किसानों और पशुपालकों में खुशी

उच्च न्यायालय के इस फैसले से किसानों और पशुपालकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। उन्हें उम्मीद है कि अब न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद, पशुओं के लिए आरक्षित चरागाह और ओरण भूमि को दबंगों के कब्जे से मुक्त कराया जा सकेगा। यह आदेश न केवल भूमि को बचाने में मदद करेगा, बल्कि पशुपालन से जुड़े लोगों के लिए भी एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करेगा।

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