मांडल सीडीपीओ कार्यालय परिसर स्थित सरकारी स्कूल की हालत बदतर, छात्र ही नहीं शिक्षिका भी परेशान
खंडहर बन गई स्कूल की इमारत,
बच्चे पानी में खेलते आए नजर
बाल्टियों से छत का पानी समेटने में जुटे
मांडल(सोनिया हलचल ) मांडल सीडीपीओ कार्यालय परिसर में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय, इंद्रा कॉलोनी, जो सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2007 में तात्कालीन विधायक कालूलाल गुर्जर द्वारा लोकार्पित किया गया था, आज मात्र 18 वर्षों में ही जर्जर हालात में पहुंच गया है। भवन की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि छत से पानी टपक रहा है, दीवारों में दरारें स्पष्ट रूप से नजर आ रही हैं और बरामदे में जगह-जगह सीलन फैली हुई है।
पानी में क्रिकेट खेलते बच्चे, बाल्टियों से छत से टपकता पानी समेटते शिक्षक
मौके पर जब स्थिति का जायजा लिया, तो स्कूल भवन का दयनीय दृश्य सामने आया। बरामदे में बच्चे बारिश के पानी में क्रिकेट खेलते दिखाई दिए, तो वहीं कक्षा-कक्ष में पानी भरने से बाल्टियों से पानी इकट्ठा किया जा रहा था।
विद्यालय में वर्तमान में केवल 12 बच्चों का नामांकन है, और एकमात्र शिक्षिका अनीता शर्मा वहां कार्यरत हैं। भवन की दुर्दशा के चलते पढ़ाई में व्यवधान आ रहा है और बच्चों की उपस्थिति पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है।
जिम्मेदार कौन?
बड़ी विडंबना यह है कि यह स्कूल सर्व शिक्षा अभियान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत बना था, जिसका उद्देश्य बच्चों को समुचित शैक्षणिक वातावरण प्रदान करना था। लेकिन 18 साल में ही यह भवन सरकारी तंत्र की लापरवाही का शिकार हो गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मरम्मत या पुनर्निर्माण की दिशा में आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्कूल भवन की नियमित निगरानी और रखरखाव के अभाव में आज बच्चे असुरक्षित माहौल में पढ़ने को मजबूर हैं।
