आरक्षण को लेकर भरी हुंकार,डीएनटी समाजों का महा बहिष्कार , मुख्‍यमंत्री का पुतला फूंका

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भीलवाड़ा । राष्ट्रीय पशुपालक संघ, डीएनटी संघर्ष समिति और विमुक्त घुमंतू अर्ध-घुमंतू जाति परिषद के संयुक्त तत्वाधान में ‘महा-बहिष्कार’ आन्दोलन के तहत भीलवाड़ा के आज़ाद चौक में सभा की और वहां से कलेक्टर ऑफिस तक रैली निकाली गई। इसमें देश-प्रदेश के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों और समाजजनों ने बड़ी संख्या में भाग लिया. फिर आक्रोश दिखाने के लिए “मुख्‍यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला दहन” किया गया ।

राष्ट्रीय पशुपालक संघ के अध्यक्ष लालजी राईका ने कहा कि इस आंदोलन के बाद भी यदि सरकार ने हमारी मांगों पर हमसे कोई वार्ता नहीं करती है तो सभी डीएनटी समाज इस आंदोलन को पूरे राज्य में फैलायेंगे । यदि सरकार वार्ता करने में असफल रहती है तो अगले तीन महीनों में हमारे आंदोलन का पूरे राज्य में विस्तार होगा।

रायका ने बताया कि राजस्थान सरकार की सूची में 32 डीएनटी समुदाय शामिल हैं, जबकि वास्तविक संख्या 50 से अधिक है. इनकी अनुमानित जनसंख्या 1 करोड़ 23 लाख हैं, जोकि राज्य की कुल जनसंख्या का 15% है, लेकिन शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में इनकी भागीदारी नगण्य है. समाज की आजादी के बाद प्रशासन,राजनीतिक, शिक्षा और व्यवसाय में कोई प्रभावी भागीदारी नहीं मिली है. कई लोगों के पास आज तक आवास नहीं है.

घुमंतू, अर्ध-घुमंतू, विमुक्त जाति परिषद के प्रदेशाध्यक्ष रतननाथ कालबेलिया ने कहा कि 1 नवंबर 2025 से सभी डीएनटी समाज हाईवे पर आकर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे ताकि पूरी दुनिया को इस अन्यायी सरकार के बारे में पता चले । यदि सरकार अपने अहंकार पर अडिग रही तो डीएनटी समाज “पंचायत और निकाय चुनावों का बॉयकॉट” करेगी । इस बीच डीएनटी समाज “प्रमाणपत्र “ बनाने वाले सभी सरकारी कैंपों का बॉयकॉट करेगी क्योंकि हमारे सभी नामों और उप-नामों को सरकार ने शामिल नहीं किया है । डीएनटी के लिए आयोजित सरकारी कार्यक्रमों का डीएनटी समाज काले झंडे दिखाकर अपना विरोध प्रदर्शन करेगी क्योंकि ये कार्यक्रम केवल दिखावा है और इनसे इन समाजों का कोई विकास नहीं हुआ है ।

डीएनटी समाज की प्रमुख मांगें:

• समाज को अलग से 10% आरक्षण दिया जाए.

• पंचायतों में 10% हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए.

• समाज के लोगों को उनकी बस्तियों की जमीन पर पट्टे दिए जाएं.

• बच्चों के लिए मॉडल स्कूलों की व्यवस्था की जाए.

• 1000 बच्चों को विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति दी जाए ।

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