जन्माष्टमी पर भीलवाड़ा में मंदिरों में सजेगी झांकियां ,मनेगा भक्ति उत्सव और गूंजेंगे हरे कृष्णा के जय घोष

भीलवाड़ा (हलचल)।शनिवार को भीलवाड़ा में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम और भक्ति भाव के साथ मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर शहर के प्रमुख मंदिरों में तैयारियां अंतिम चरण में हैं। संकट मोचन हनुमान मंदिर, पेच के बालाजी मंदिर, दूधाधारी मंदिर और रेलवे स्टेशन स्थित हटीला हनुमान मंदिर** सहित अन्य मंदिरों में सजावट, झांकियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियां जोरों पर हैं।

संकट मोचन हनुमान मंदिर में रोशनी की जगमगाहट

प्रधान डाकघर के पास स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा। महंत **बाबू गिरी महाराज** ने बताया कि मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों, फूलों की झालरों और धार्मिक झंडियों से सजाया गया है। यहां विद्युत चालित झांकियां बनाई जा रही हैं, जिनमें *माखनचोर कान्हा, राधा और गोपियों के जीवन प्रसंग* प्रदर्शित होंगे। मंदिर से गोल चौराहे तक रोशनी और सजावट की जाएगी। रात 12 बजे महाआरती के बाद प्रसाद वितरण होगा। इस अवसर पर बालाजी को विशेष डायमंड चोला पहनाया जाएगा।

पेच के बालाजी मंदिर में भजन-कीर्तन का माहौल




पेच के बालाजी मंदिर में शुक्रवार रात से ही विद्युत सज्जा शुरू हो चुकी है। पुजारी **पंडित आशुतोष शर्मा** ने बताया कि शनिवार को सुबह मंगला आरती और दिनभर भजन-कीर्तन का सिलसिला चलेगा। रात 12 बजे महाआरती, *पंजरी व मक्खन का भोग* और प्रसाद वितरण होगा। मंदिर में आकर्षक झांकियां सजाई जा रही हैं।

हटीला हनुमान मंदिर में भक्तों का संगम

रेलवे स्टेशन स्थित हटीला हनुमान मंदिर में रंगीन लाइटिंग, फूलों की माला और रंगोली से सजावट की जा रही है। पंडित **बालकिशन शर्मा** ने बताया कि रात 12 बजे महाआरती के बाद प्रसाद वितरण और बालाजी का विशेष चोला चढ़ाया जाएगा।

दूधाधारी मंदिर में गोवर्धन मलखंभ ओर दही हांडी‌ आज


सांगानेरी गेट स्थित दूधाधारी मंदिर में झांकियों के साथ *गोवर्धन लीला* और *कंस वध* के दृश्य प्रदर्शित होंगे। वहीं शनिवार को मलखंब और दही हांडी के आयोजन भी होंगे जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मंदिर पहुंचन हैं

गांधीनगर शनि मंदिर में 551 किलो पंजरी का भोग

गांधीनगर शनि मंदिर में विशेष लाइट डेकोरेशन, फूलों की सजावट और झांकियां होंगी। अध्यक्ष **देवेन्द्र जोशी** ने बताया कि रात 12 बजे महाआरती के बाद *551 किलो पंजरी, केले और पंचामृत* का भोग लगाया जाएगा और प्रसाद वितरण किया जाएगा।

गणेश मंदिर में भी झांकियां सजी



गांधीनगर स्थित गणेश मंदिर मे भी जन्माष्टमी को लेकर जाएं क्या सजाई गई है पंडित राकेश शर्मा ने बताया कि जन्माष्टमी के मौके पर फूलों से आकर्षक सजावट की गई हे।



श्री श्याम मंदिर में जन्माष्टमी की तैयारियां

श्री श्याम बाबा जन्माष्टमी पर्व की तैयारियां भी पूरे उत्साह के साथ जारी हैं। कोलकाता से आये कारीगरों द्वारा दिल्ली से मंगाए फूलों से झांकी सजाई जा रही कृष्ण भगवान एवं श्याम बाबा की झांकियां विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगी। इसके अलावा तीन झाकियां और रहेगी।इनमें से एक झांकी आज के युग में बच्चों पर पढ़ाई के अत्यधिक दबाव के विषय पर आधारित होगी, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करेगी।




मुख्य पंडित रूपेंद्र शुक्ला एवं पंडित रवि ने बाबा का श्रृंगार संपन्न किया। दर्शन एवं आरती के लिए श्री श्याम सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने सुंदर और सुव्यवस्थित प्रबंध किए हैं।अध्यक्ष सुरेश पोद्दार ने कहा की "श्याम बाबा की कृपा से इस बार जन्माष्टमी का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। हम सभी भक्तों का स्वागत करते हैं।"

मीडिया प्रभारी पंकज अग्रवाल ने बताया की "भक्तों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि वे आराम से दर्शन, आरती और झांकियों का आनंद ले सकें। रात 12 बजे बाबा की आरती पश्चात भोग प्रसाद का वितरण होगा

जिलेभर में भी तैयारियां

मांडलगढ़, गुलाबपुरा, जहाजपुर, आसींद, शाहपुरा, बनेड़ा, गंगापुर और रायला में भी जन्माष्टमी उत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। गांव-गांव के मंदिरों में लाइटिंग, फूलों की सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रौनक

पूजा-अर्चना के साथ-साथ बच्चों और युवाओं के लिए मटकी फोड़, वेशभूषा प्रतियोगिता, भजन गायन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। कई स्कूलों में भी जन्माष्टमी कार्यक्रम आयोजित होंगे।

सुरक्षा और सुविधा के इंतज़ाम

भीड़ को देखते हुए मंदिर समितियों ने पेयजल, प्रसाद वितरण केंद्र और पार्किंग की व्यवस्था की है। पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं, ताकि श्रद्धालु शांति और सुव्यवस्था के साथ उत्सव का आनंद ले सकें।

मध्य रात्रि में गूंजेगा ‘हरे कृष्ण

रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिरों में घंटियां बजेंगी, शंखनाद होगा और पूरा वातावरण *‘हरे कृष्ण, हरे राम’* के जयघोष से गूंज उठेगा। भगवान को पालने में झुलाने और *पंजीरी, मक्खन* आदि का प्रसाद बांटने की परंपरा निभाई जाएगी।

बाजारों में भी चहल-पहल

जन्माष्टमी से पहले बाजारों में पूजन सामग्री, सजावट के सामान, फूल, लाइटिंग और श्रीकृष्ण की मूर्तियों की खूब बिक्री हो रही है। मिठाई की दुकानों पर *पेड़ा, माखन-मिश्री, लड्डू* और दूध से बनी विशेष मिठाइयों की मांग बढ़ गई है।

भीलवाड़ा इस बार जन्माष्टमी पर भक्ति और सांस्कृतिक रंगों में पूरी तरह रंगने को तैयार है, जहां हर गली-मोहल्ला कान्हा के नाम से गूंजेगा।



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