दूदाधारी मंदिर में दीपावली के दूसरे अन्नकूट महोत्सव की धूम, गिरिराज पूजन और गौ सेवा रही विशेष आकर्षण
भीलवाड़ा (सम्पत माली)। नगर के प्रसिद्ध दूदाधारी मंदिर में दीपावली के दूसरे अन्नकूट महोत्सव का आयोजन बड़े ही धूमधाम और धार्मिक उत्साह के साथ किया गया। सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने परंपरागत वेशभूषा में पहुंचकर भगवान के दर्शन किए और अन्नकूट महोत्सव में भाग लिया। मंदिर परिसर में भजन, कीर्तन और हवन का आयोजन हुआ, जिससे पूरा वातावरण भक्ति भाव से गूंज उठा।
महोत्सव की शुरुआत गिरिराज पूजन से हुई। परंपरा के अनुसार जगद्गुरु निम्बार्काचार्य श्रीजी महाराज के निर्देशानुसार और पूज्य गुरुदेव गौलोकवासी की प्रेरणा से गिरिराज का गौ दुग्ध और जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद गोवर्धन पर्वत की पूजा-अर्चना संपन्न हुई। श्रद्धालुओं ने गिरिराज महाराज के समक्ष दीप प्रज्वलित कर अपने परिवार और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।
गिरिराज पूजन के बाद मंदिर परिसर में बैलों और गायों की पूजा भी की गई। यह परंपरा वर्षों से दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट पर्व के अवसर पर निभाई जा रही है। मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन पूजा और गौ सेवा करने से जीवन में समृद्धि आती है तथा संकट दूर होते हैं। मंदिर के पुजारी कल्याणमल शर्मा ने बताया कि शाम के समय बैलों की विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान बैलों को रंग-बिरंगे कपड़ों और फूलों से सजाया गया। पूजा के पश्चात उन्हें गुड़ और चारा खिलाया गया। मंदिर की सजावट आकर्षण का केंद्र रही। दीपमालाओं और रंगोली से पूरा परिसर सुसज्जित किया गया था।
दूदाधारी मंदिर में आयोजित अन्नकूट महोत्सव ने न केवल धार्मिक श्रद्धा को प्रकट किया, बल्कि समाज में सेवा और सद्भाव का संदेश भी दिया। भक्तों ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन भारतीय संस्कृति की जीवंत परंपराओं को सशक्त करते हैं और नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं। इस तरह दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट पर्व का उल्लास पूरे नगर में छाया रहा और दूदाधारी मंदिर भक्ति और उत्सव का केंद्र बना रहा।
