भीलवाड़ा में देव उठनी एकादशी के साथ मांगलिक कार्यों की हुई शुरुआत, हरणी महादेव में जाट समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन
भीलवाड़ा (हलचल)। देव उठनी एकादशी के पावन अवसर पर शनिवार से मांगलिक कार्यों की शुभ शुरुआत हो गई। मंदिरों में भगवान विष्णु और तुलसी विवाह के आयोजन हुए, वहीं शहर और ग्रामीण अंचल में धार्मिक उत्साह का माहौल रहा।
इसी कड़ी में हरणी महादेव परिसर में जाट समाज द्वारा भव्य सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में समाज के अनेक जोड़े एक ही मंच से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच परिणय सूत्र में बंधे। आयोजन में बड़ी संख्या में समाजजन, गणमान्य नागरिक और संत-महात्मा उपस्थित रहे।
मुहूर्त
16 नवंबर को सूर्य के तुला राशि में प्रवेश करने के साथ ही शादी विवाह का दौर शुरू हो जाएगा। यह दौर दिसंबर तक चलेगा।
11 दिसंबर तक शादी विवाह के मुहुर्त हैं। 12 दिसंबर को शुक्र अस्त होने के साथ ही विवाह पर विराम लग जाएगा, एक फरवरी 2026 को फिर से उदित होंगे। इस अवधि में विवाह और अन्य मांगलिक कार्य स्थगित रहेंगे।
नवंबर में 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29, 30 और
दिसंबर में 04, 10, 11 को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
बृहस्पति-शुक्र और सूर्य का शुभ स्थिति में होना है जरूरी
16 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास रहेगा। इस दौरान भी शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे। वैवाहिक बंधन जीवन का सबसे पवित्र बंधन माना गया है। इसलिए शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का शुभ स्थिति में होना विवाह के आवश्यक होता है।
