कोटड़ी पंचायत समिति का नवाचार: प्लास्टिक मुक्त पंचायत बनाने की मुहिम , ‘प्लास्टिक कचरा लाओ, शक्कर ले जाओ’ अभियान से जुड़ रहे ग्रामीण

कोटड़ी पंचायत समिति का नवाचार: प्लास्टिक मुक्त पंचायत बनाने की मुहिम , ‘प्लास्टिक कचरा लाओ, शक्कर ले जाओ’ अभियान से जुड़ रहे ग्रामीण
X

भीलवाड़ा बीएचएन। पंचायत समिति कोटड़ी प्रशासन ने क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है। ‘प्लास्टिक कचरा लाओ, शक्कर ले जाओ’ मुहिम के तहत अब समस्त ग्राम पंचायत स्तर पर प्लास्टिक संग्रहण कक्ष बनाए गए हैं। यह अभियान स्वच्छता पखवाड़े और ग्रामीण सेवा शिविरों के तहत शुरू किया गया है, जिसमें ग्रामीणों, स्कूली बच्चों, नरेगा श्रमिकों, भामाशाहों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पंचायत प्रशासन ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

कोटड़ी प्रधान और विकास अधिकारी मीणा के नेतृत्व में शुरू इस मुहिम का उद्देश्य प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्लास्टिक मुक्त बनाना है। इसके तहत पंचायत समिति ने 26 जनवरी 2026 तक अपने अधीन आने वाली 33 ग्राम पंचायतों को पूरी तरह पॉलिथीन मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है।

नवाचार के तहत पंचायत समिति स्तर पर जल्द ही एक प्लास्टिक बॉल मेकिंग मशीन लगाई जाएगी। इसके माध्यम से ग्राम पंचायतों से एकत्रित प्लास्टिक कचरे को पुनर्चक्रित कर उपयोगी सामग्री बनाई जाएगी, जिससे तैयार प्लास्टिक बॉल को प्लास्टिक उद्योगों को कच्चे माल के रूप में आपूर्ति की जाएगी।

विकास अधिकारी मीणा ने बताया कि इस परियोजना के लिए लगभग 16 लाख रुपये की लागत से प्लास्टिक रीसाइक्लिंग मशीन स्थापित की जा रही है। नवंबर माह में प्रत्येक ग्राम पंचायत को 100 किलो पॉलिथीन एकत्रित करने का लक्ष्य दिया गया है।

प्रधान करण सिंह बेलवा और विकास अधिकारी मीणा ने सभी विभागों, दुकानदारों, ग्रामीणों, शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संगठनों और व्यापारियों से अपील की है कि वे अपने घरों, दुकानों और दफ्तरों में उपयोग की गई पॉलिथीन इकट्ठा कर ग्राम पंचायत तक पहुंचाएं। साथ ही, कपड़े, जूट या पेपर बैग का उपयोग बढ़ाएं ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके।

पंचायत समिति ने नागरिकों से अपने मोबाइल स्टेटस और सोशल मीडिया पर “अपना गांव प्लास्टिक मुक्त अभियान” का स्लोगन लगाने का भी आग्रह किया है। यह अभियान 2 अक्टूबर से शुरू होकर 26 जनवरी 2026 तक चलेगा।

राज्य स्तर पर भी इस नवाचार की सराहना की जा रही है। कोटड़ी पंचायत समिति का यह प्रयास न केवल स्वच्छता की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण की मिसाल भी बन रहा है।

Next Story