किसानों को मंडी में हो रही परेशानी, नीलामी चबूतरों पर व्यापारियों का कब्जा

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भीलवाड़ा। भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी में इन दिनों किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसान जब अपनी उपज लेकर मंडी पहुंचते हैं तो उन्हें उसे खुले में डालना पड़ता है। मंडी में नीलामी चबूतरे होने के बावजूद किसान उनका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उन पर मंडी व्यापारियों का कब्जा बताया जा रहा है।

छापरी निवासी किसान महेंद्र जाट ने बताया कि कृषि मंडी में किसानों की सुविधा के लिए बनाए गए नीलामी चबूतरे अब व्यापारियों के स्थायी ठिकाने बन गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन चबूतरों पर व्यापारियों ने अपना सामान रख लिया है और किसानों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी गई है। ऐसे में जब किसान अपनी उपज लेकर मंडी पहुंचते हैं, तो उन्हें मजबूरन सड़क किनारे या खुले स्थानों पर माल डालना पड़ता है।

महेंद्र जाट ने कहा कि इससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ती है। एक तो खुले में उपज डालने से धूल-मिट्टी और ट्रैफिक के कारण अनाज खराब होने का खतरा रहता है, वहीं दूसरी ओर मंडी में जगह की कमी के चलते नीलामी प्रक्रिया में भी देरी होती है। कई बार नीलामी देर रात तक खिंच जाती है जिससे किसानों को अतिरिक्त खर्च और असुविधा उठानी पड़ती है।

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले अचानक हुई बारिश के कारण कई किसानों की उपज गीली हो गई थी। इससे अनाज की गुणवत्ता खराब हो गई और बाजार में उचित मूल्य नहीं मिल पाया। किसानों ने इस स्थिति के लिए मंडी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है और मांग की है कि मंडी में व्यवस्था सुधारी जाए ताकि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिल सके।

किसानों का कहना है कि प्रशासन को नीलामी चबूतरों से व्यापारियों का कब्जा हटाना चाहिए और इन स्थानों का उपयोग केवल नीलामी प्रक्रिया के लिए होना चाहिए। साथ ही, मंडी परिसर में अतिरिक्त शेड और भंडारण व्यवस्था की भी जरूरत है ताकि अचानक मौसम बदलने पर किसानों की उपज सुरक्षित रह सके। वर्तमान हालात में किसान खुले में अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं, जो उनकी मेहनत और फसल दोनों के साथ अन्याय है।

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