बनास बचाओ आंदोलन –: सरकार की चुप्पी पर जनता का प्रहार, चांदगढ़ में सद्बुद्धि हवन और महापंचायत, बजरी लीज धारक के खिलाफ हल्ला बोल

सवाईपुर सांवर वैष्णव। चांदगढ़ में बजरी लीज धारक के खिलाफ उठी नाराजगी सोमवार को तेईसवें दिन भी थमी नहीं. बनास नदी किनारे आयोजित महापंचायत में सैकड़ों लोग उमड़ पड़े और सरकार को उसकी चुप्पी से जगाने के लिए विशेष सद्बुद्धि हवन किया गया. माहौल पूरी तरह आंदोलनकारी रहा और लोगों ने साफ कह दिया कि अब बनास नदी को रुकने नहीं दिया जाएगा.
हवन का आयोजन पंडित रामलाल शर्मा ने विधि विधान से कराया, जिसमें महिलाओं और पुरुषों की भारी मौजूदगी रही. मंत्रोच्चार के बीच प्रदेश में बढ़ रही अवैध बजरी खनन गतिविधियों को तुरंत रोकने की प्रार्थना की गई. महिलाएं हाथों में तख्तियां लेकर विरोध में खड़ी दिखाई दीं और प्रशासन पर ढीली कार्यवाही का आरोप लगाया.
महापंचायत में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता लादूराम गोदारा ने सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश की नाकामी अब खुले तौर पर सामने आ चुकी है. मेवाड़ में सौ किलोमीटर के दायरे में दो जगह धरने चल रहे हैं और मातृकुंडिया बांध में किसानों की जमीनें पानी में समा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि एक महीने से चल रहे आंदोलन के बावजूद सरकार की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है. जनता को मजबूरन सड़क पर उतरना पड़ रहा है.
महिलाओं ने भी खुलकर नाराजगी जताई और बनास बचाओ, माफिया भगाओ के नारे लगाए. महापंचायत खत्म होने के बाद सैकड़ों महिलाएं और किसान तख्तियां लेकर चांदगढ़ नदी के ढावे पहुंचे. कुछ महिलाओं ने बजरी से भरे ट्रैक्टर को रोककर विरोध दर्ज कराया. हालांकि समिति ने उन्हें समझाइश देकर शांतिपूर्ण तरीके से हटाया, लेकिन गुस्सा साफ झलक रहा था.
इसके बाद प्रदर्शनकारी बनास नदी किनारे पहुंचे जहां एक बार फिर मंत्रोच्चार के बीच हवन हुआ और नदी को बचाने का सामूहिक संकल्प लिया गया. इस दौरान बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों ने आंखों पर काली पट्टी बांधकर सरकार को चेतावनी दी कि आंख पर पट्टी बांधकर बैठना अब बंद करना होगा. जनता की पीड़ा और आवाज को अनदेखा करने की कीमत सरकार को चुकानी पड़ेगी.
