अखिल भारतीय संयुक्त श्रमिक संघर्ष समिति ने मोदी सरकार की ओर से लागू की गई चार श्रम संहिताओं के खिलाफ जताया विरोध

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भीलवाड़ा पुनीत।अखिल भारतीय संयुक्त श्रमिक संघर्ष समिति ने मोदी सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई चार श्रम संहिताओं के खिलाफ विरोध जताया है। समिति के तहत इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू और अन्य केंद्रीय श्रमिक संगठन शामिल हैं। समिति ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया, जिसमें श्रम संहिताओं को मजदूर विरोधी और प्रतिगामी करार देते हुये कहा कि यह भारत के मजदूर वर्ग को मास्टर-एंड-सर्वेन्ट प्रथा की ओर धकेलने वाला कदम है।

ज्ञापन में बताया गया है कि केंद्र सरकार ने बिना केंद्रीय श्रम संगठनों से विचार-विमर्श किए 21 नवंबर 2025 से चार श्रम संहिताओं को लागू कर दिया, जिसके विरोध में देशभर में लगातार धरना-प्रदर्शन, महाधरने और राष्ट्रीय हड़तालें की जा रही हैं। राजस्थान में भी सभी जिलों में ट्रेड यूनियनों ने सार्वजनिक प्रतिष्ठानों और कार्यस्थलों पर विरोध प्रदर्शन कर अधिसूचना की प्रतियां जलाई और मजदूर कर्मचारियों की बैठकें आयोजित की।

समिति ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए केंद्र सरकार से अधिसूचना को तुरंत निरस्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि देश की उत्पादक शक्ति और मजदूर वर्ग के हित में इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

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