अरावली संरक्षण के लिए जन चेतना जन अधिकार संस्था ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
भीलवाड़ा पुनीत जैन । राजस्थान की जीवनरेखा मानी जाने वाली अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर जन चेतना जन अधिकार संस्था, भीलवाड़ा ने गहरी चिंता व्यक्त की है। संस्था के अध्यक्ष महेश सोनी, मधु जाजू एवं अन्य पदाधिकारियों ने बुधवार को जिला कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर पुनर्विचार की मांग
ज्ञापन में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में 100 मीटर से नीचे की पहाड़ियों को अरावली क्षेत्र की नई गणना में शामिल किए जाने संबंधी निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया है। संस्था का मानना है कि स्पष्ट और कठोर संरक्षण व्यवस्था के अभाव में इस निर्णय की गलत व्याख्या हो सकती है, जिससे अवैध खनन और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की गंभीर आशंका है।
अरावली को होने वाले नुकसान पर चिंता
प्रदर्शन के दौरान महेश सोनी और मधु जाजू ने बताया कि अरावली राजस्थान को मरुस्थलीकरण से बचाने वाली प्राकृतिक ढाल है। यदि इसका क्षरण हुआ तो इसके घातक परिणाम होंगे:
* भूजल संकट: जल पुनर्भरण प्रक्रिया रुकने से वाटर लेवल में भारी गिरावट आएगी।
* रेगिस्तान का विस्तार: थार मरुस्थल का पूर्व की ओर फैलाव बढ़ जाएगा।
* पारिस्थितिक असंतुलन: वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाएंगे।
* कृषि पर संकट: मृदा क्षरण के कारण उपजाऊ भूमि बंजर होने का खतरा है।
प्रमुख मांगें:
संस्था ने जिला प्रशासन और सरकार से निम्नलिखित कदम उठाने की मांग की है:
* निर्णय के क्रियान्वयन से पूर्व जिले में गहन पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) कराया जाए।
* अरावली क्षेत्र में अवैध खनन और अनियंत्रित निर्माण पर तत्काल रोक लगाई जाए।
* स्थानीय प्रशासन, पर्यावरणविदों और सामाजिक संगठनों की एक निगरानी समिति बनाई जाए।
इस अवसर पर संस्था के सदस्यों ने चेतावनी दी कि यदि अरावली के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ हुआ, तो यह आने वाली पीढ़ियों के लिए अपूरणीय क्षति होगी। जिला प्रशासन ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए इसे उचित माध्यम से राष्ट्रपति कार्यालय तक पहुँचाने का आश्वासन दिया है।
इस दौरान दुर्गेश शर्मा, रामगोपाल पुरोहित, मधु जाजू, सुमित्रा कांटिया, रेखा हिरण, आशीष राजस्थला, अविचल व्यास, संजय मेवाड़ा, मोहसिन अली मंसूरी, बकसू जाट, सुभाष झंवर, लक्ष्मण लोट, कश्मीर शेख, खुर्शीद मंसूरी, राजू डीडवानिया, संजय हिरन, रामदयाल बलाई, प्रकाश पीतलिया, विनोद सुथार, लाजपत आचार्य, राकेश दाधीच, अरविंद सिंह आदि उपस्थित थे।
