नेफिस एक क्लिक में बता देगा अपराधियों की पूरी क्राइम कुंडली

प्रदेश के अपराधियों की चाहे वे डकैती, लूट , चोरी या हत्या कर फरार हुए की पूरी जानकारी अब पलभर में पुलिस की स्क्रीन पर उपलब्ध होगी। बदमाश का घर का पता, ताजा फोटो, मोबाइल नंबर ही नहीं बल्कि उसके व्यवहार से जुड़ी अहम जानकारी भी सामने आ सकेगी। वह कितना गुस्सैल है, नशा करता है या नहीं, पहले किसी बड़े अपराध में शामिल रहा है या नहीं, यह सब नेशनल ऑटोमैटिक फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम यानी नेफिस के जरिए संभव हो सकेगा।
राजस्थान पुलिस प्रदेशभर में गिरफ्तार किए जा रहे अपराधियों का विस्तृत बायोमेट्रिक और पर्सनल डेटा डिजिटल रूप से संग्रहित कर रही है। इसमें फिंगरप्रिंट, हथेली के निशान, पैरों के निशान, फोटो, आइरिस और रेटिना स्कैन, डीएनए प्रोफाइल, हस्ताक्षर और हैंडराइटिंग तक शामिल है। यह पूरा डेटा विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से अपलोड किया जा रहा है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस आधुनिक सिस्टम की मदद से कई ब्लाइंड केस पहले ही सुलझाए जा चुके हैं। पुराने अपराधों में मिले फिंगरप्रिंट और अन्य साक्ष्यों का मिलान कर आरोपियों की पहचान आसान हो गई है।
नए साल से एक और अहम बदलाव किया जा रहा है। अब गंभीर अपराधियों के बिहेवियर यानी व्यवहार से जुड़ा डेटा भी रिकॉर्ड किया जाएगा। खासतौर पर जघन्य हत्या और नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म जैसे मामलों में आरोपियों की मानसिक प्रवृत्ति का विश्लेषण किया जाएगा, जिससे भविष्य में अपराध की आशंका को पहले ही पहचाना जा सके।
फिलहाल नेफिस सिस्टम प्रदेश के जिला पुलिस मुख्यालयों सहित 54 स्थानों पर स्थापित किया जा चुका है। पुलिस का लक्ष्य है कि अगले साल तक राजस्थान के हर थाने में यह सिस्टम लागू कर दिया जाए, जिससे अपराधियों पर शिकंजा और मजबूत हो सके।
