उपचुनाव- 7 सीटों पर कौन-कौन हैं दावेदार?
चुनाव आयोग ने आज राजस्थान में भी उपचुनावों की तारीख का एलान कर दिया है। इसी के साथ कांग्रेस और भाजपा सहित सभी दल अपनी तैयारियों को धार देने में जुट गए हैं। इधर, भाजपा ने तीन-तीन नामों का पैनल तैयार करके दिल्ली आलाकमान को भेज दिया है। उधर, कांग्रेस ने भी चुनावों को लेकर लगभग तैयारी पूरी कर ली है। अगले कुछ दिनों में पार्टी अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर सकती है।
कांग्रेस से ये हैं टिकट के दावेदार
देवली- उनियारा- हरीश मीणा के सांसद बनने से खाली हुई इस सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा, पूर्व विधायक रह चुके रामनारायण मीणा, AICC के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर का नाम मजबूती से लिया जा रहा है।
दौसा- मुरारीलाल मीणा के सांसद बनने से खाली हुई इस सीट पर पार्टी फिर से परिवार में से ही किसी को टिकट दे सकती है। इसलिए सांसद की पत्नी सविता मीणा, बांदीकुई के पूर्व विधायक जीआर खटाना, युवा नेता नरेश मीणा और ब्राह्मण चेहरा संदीप शर्मा का नाम भी चर्चा में है।
रामगढ़- कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन से खाली हुई इस सीट पर पूर्व विधायक जुबेर खान की पत्नी साफिया जुबेर खान, उनके बेटे आर्यन खान और नसरु खान का नाम मजबूती से लिया जा रहा है।
झुंझुनूं- ओला परिवार का गढ़ माने जाने वाली और बृजेंद्र ओला के सांसद बनने से खाली हुई इस सीट पर उनकी पत्नी राजबाला ओला, पुत्र अमित ओला और कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिनेश सुंडा भी टिकट के प्रबल दावेदार हैं।
खींवसर- इस सीट पर कांग्रेस गठबंधन करेगी या लोकसभा चुनाव के सहयोगी रालोपा को समर्थन देगी, ये स्पष्ट नहीं है। हालांकि आरएलपी से नारायण बेनीवाल या हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल उम्मीदवार हो सकती हैं। वहीं अगर कांग्रेस टिकट देती है तो पूर्व मंत्री और नागौर विधायक हरेंद्र मिर्धा के बेटे रघुवेन्द्र मिर्धा, सचिव मनीष मिर्धा और पूर्व जिला प्रमुख बिंदू चौधरी में से एक पर दांव खेल सकती है।
सलूंबर- बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के कारण खाली हुई इस सीट पर कांग्रेस 4 बार विधायक रहे रघुवीर मीणा, रघुवीर मीणा की पत्नी बसंती मीणा और उदयपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके ताराचंद मीणा का नाम शामिल है।
चौरासी- राजकुमार रोत के सांसद बनने से खाली हुई इस सीट पर पूर्व सांसद रहे ताराचंद भगोरा, उनके बेटे महेंद्र भगोरा और शंकरलाल अहारी का नाम प्रमुखता से शामिल है।
गौरतलब है कि इन उपचुनावों में कांग्रेस को अपनी साख बचाने की चुनौती रहेगी। क्योंकि उसे चार सीटों को बचाने के साथ-साथ तीन और सीटों पर जीत दर्ज करनी है। रामगढ़ (अलवर), दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा सीटें कांग्रेस के पास हैं, जिन्हें बनाए रखना उनके लिए जरूरी है। इसके अलावा, खींवसर, चौरासी और सलूंबर सीटों पर जीत हासिल करना भी उनकी प्राथमिकता है।