यूआईटी लॉटरी विवाद: हाईकोर्ट में सुनवाई, गलत आधार संख्या पर 7 आवंटन निरस्त

भीलवाड़ा।
यूआईटी की आवासीय योजनाओं के 3081 भूखंडों की 16 अक्टूबर को निकाली गई विवादित लॉटरी मामले में गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। इसी बीच, यूआईटी ने 25 नवंबर को कार्रवाई करते हुए गलत आधार संख्या के आधार पर 7 भूखंड आवंटन निरस्त कर दिए।
सुबह 11 बजे शुरू हुई सुनवाई में न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी और संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने मामले की प्रगति पर सवाल उठाए। यूआईटी के अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, लेकिन दोपहर 12 बजे याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता नमन मोहनोत को जवाब सौंप दिया गया।
यूआईटी की ‘डबल रिप्लाई’ की गफलत
अधिवक्ता नमन मोहनोत ने कोर्ट में बताया कि यूआईटी के वकील पहले ही उन्हें एक जवाब दे चुके हैं। इस पर यूआईटी के अधिवक्ता ने स्वीकार किया कि जो पूर्व जवाब दिया गया था, उसे न्यायालय में प्रस्तुत ही नहीं किया गया। इस तरह यूआईटी की ओर से दो-दो जवाब देने की स्थिति उजागर हो गई।
याचिका में लगाए गए आरोप
याचिकाकर्ता — एडवोकेट हेमेंद्र शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता राघव कोठारी और पवन त्रिपाठी — ने अधिवक्ता नमन मोहनोत के माध्यम से याचिका दायर की है।
इनमें गंभीर आरोप शामिल हैं:
लॉटरी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार
सॉफ्टवेयर में हेराफेरी
कर्मचारियों में भूखंडों की बंदरबांट
बुकलेट प्रकाशन की निविदा 1 जून को खुली और अगले ही दिन सुबह तक सभी बैंकों में बुकलेट उपलब्ध होना
लॉटरी प्रक्रिया में चेयरमैन के अनिवार्य हस्ताक्षर नहीं
कलेक्टर द्वारा गठित कमेटी ने 5 दिन में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन न रिपोर्ट आई, न देरी का कारण
अधिवक्ता मोहनोत ने कहा, “यूआईटी ने इन गंभीर आरोपों का अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है।”
ये 7 भूखंड आवंटन निरस्त किए गए
1. अमितांशु पुत्र अनिल शर्मा — भूखंड संख्या 3/73
2. अनिता लढ़ा / योगेश कुमार लढ़ा — भूखंड संख्या 2-एल-22
3. अर्पित कोठारी पुत्र संतोष कोठारी — भूखंड संख्या 4-ओ-41
4. राजकुमार गुप्ता पुत्र गिरीराज प्रसाद — भूखंड संख्या 4-एन-15
5. प्रवीण जैन पुत्र प्रेमचंद — भूखंड संख्या एफ-20
6. संदीप कुमार पारीक पुत्र भगवतीलाल पारीक — भूखंड संख्या 1/123
7. गौतम कुमार भलावत पुत्र हरकलाल — भूखंड संख्या 4-एल-9
