Bhilwara news: 171 साल पुरानी रजिस्टर्ड डाक सेवा का अंत, अब सिर्फ स्पीड पोस्ट ही उपलब्ध

171 साल पुरानी रजिस्टर्ड डाक सेवा का अंत, अब सिर्फ स्पीड पोस्ट ही उपलब्ध
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भीलवाड़ा ( विजय गढ़वाल )। देशभर में रजिस्टर्ड डाक सेवा का इतिहास अब किताबों में सिमट जाएगा। 171 साल पहले यानी 1854 में शुरू हुई रजिस्टर्ड डाक सेवा आज, 1 सितंबर 2025 से समाप्त हो गई है। अब इस सेवा का विलय स्पीड पोस्ट में कर दिया गया है और ग्राहकों को केवल स्पीड पोस्ट का लाभ मिलेगा। दो आने से शुरू हुआ रजिस्टर्ड डाक का सफर अब गुजरे जमाने की बात हो जाएगा।

रजिस्टर्ड डाक सेवा ने दशकों तक गांव-शहर तक संदेश पहुंचाने का काम किया। 1986 में शुरू हुई स्पीड पोस्ट सेवा, ईमेल, फैक्स और व्हाट्सऐप जैसी ऑनलाइन सुविधाओं ने इसकी उपयोगिता को धीरे-धीरे कम कर दिया।

रजिस्टर्ड डाक से स्पीड पोस्ट में बदलाव के कारण:

रजिस्टर्ड डाक की गति धीमी थी, 8-10 दिन या उससे अधिक लगते थे।

स्पीड पोस्ट 72 घंटे में देश के किसी भी कोने में डाक पहुंचाती है।

ऑनलाइन संदेश प्रणाली और निजी कूरियर सेवाओं के कारण उपयोगिता घट गई।

शुल्क और सुविधा:

पहले रजिस्टर्ड डाक में 20 ग्राम तक के पत्र का शुल्क 22 रुपये था।

स्पीड पोस्ट में अब 41.30 रुपये से शुरू होता है और वजन बढ़ने पर शुल्क बढ़ता है।

हालांकि महंगा होने के बावजूद समय की बचत और तेज़ डिलीवरी सुनिश्चित होती है।

इतिहास की झलक:

1854: रजिस्टर्ड डाक सेवा की शुरुआत, अंग्रेजों द्वारा सरकारी व कानूनी दस्तावेज भेजने के लिए।

1975: शुल्क 1.25 रुपये

1990: शुल्क 10 रुपये

2025: शुल्क 22.25 रुपये प्रति 20 ग्राम

डाक विभाग ने कहा कि यह कदम रजिस्टर्ड डाक की उपयोगिता कम होने और ग्राहकों को तेज़ सेवा देने के लिए आवश्यक था।

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भीलवाड़ा का आरएमएस और कई डाकघर छीने

भीलवाड़ा ही नहीं देश भर में लाल डिब्बे का महत्व सालों पहले खत्म हो गया और आज से रजिस्टर्ड डाक सेवा भी है बंद हो गई हे, कई डाकघर ओर rms सेवा भी भीलवाड़ा से छीन गई।

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