20 नवम्बर से अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं ,२१ से राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन अब क्या होगा

भीलवाड़ा। राजस्थान में शिक्षा विभाग द्वारा लगातार जारी किए जा रहे नए आदेशों ने शिक्षकों की परेशानी बढ़ा दी है। अध्यापकों का कहना है कि विभाग रोजाना ऐसे निर्देश जारी कर रहा है जिनसे शिक्षक, अभिभावक और विद्यार्थी सभी असमंजस की स्थिति में आ गए हैं। हालात यह हैं कि शिक्षक शिक्षा विभाग को अब प्रयोगशाला जैसा मानने लगे हैं जहां बिना योजना के निर्णय लागू कर दिए जाते हैं।
प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में 20 नवम्बर से अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। इसी बीच शिक्षा विभाग ने 21 और 22 नवम्बर को राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन आयोजित करने की तिथियां भी तय कर दी हैं। दोनों कार्यक्रमों की तारीखें एक-दूसरे से टकराने के कारण शिक्षक दुविधा में हैं कि अब परीक्षा करवाएं या सम्मेलन में शामिल हों। कई शिक्षकों का कहना है कि विभाग को कम से कम परीक्षा अवधि का ध्यान रखते हुए अधिवेशन की तारीख तय करनी चाहिए थी।
नई शैक्षणिक नीति के चलते भी स्थिति और उलझ गई है। शिक्षा विभाग ने इस वर्ष CBSE पैटर्न पर शैक्षणिक सत्र को एक अप्रैल से शुरू करने का आदेश जारी किया है। यह बड़ा बदलाव होने के बावजूद शिविरा पंचांग में आवश्यक संशोधन अभी तक नहीं किया गया। इस कारण से पहले ही विद्यालयों में समय-सारिणी और शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। अब विभागीय कार्यक्रमों की तिथियां आपस में भिड़ने से शिक्षकों की परेशानी और बढ़ गई है।
राजस्थान शिक्षक समुदाय का स्पष्ट कहना है कि यदि विभाग इसी तरह बिना समन्वय के निर्देश जारी करता रहा तो आने वाले समय में परीक्षा संचालन, शैक्षणिक गतिविधियां और वार्षिक योजना सभी प्रभावित होंगी। शिक्षक संगठन विभाग से मांग कर रहे हैं कि तारीखों का तालमेल ठीक किया जाए और आदेश जारी करने से पहले जमीनी स्थिति का आकलन अवश्य किया जाए।
