2000 आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे आदर्श मॉडल, बच्चों को मिलेगा प्ले स्कूल जैसा माहौल

2000 आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे आदर्श मॉडल, बच्चों को मिलेगा प्ले स्कूल जैसा माहौल
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भीलवाड़ा हलचल राजस्थान सरकार ने प्रदेश के बच्चों के पोषण और प्रारंभिक शिक्षा को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक बड़ी पहल की है। इसके तहत भीलवाड़ा सहित प्रदेश के करीब 2000 आंगनबाड़ी केंद्रों को ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इन केंद्रों को अब पारंपरिक स्वरूप से आगे बढ़ाकर प्ले स्कूल जैसी सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा, जिससे बच्चों को एक बेहतर शिक्षण और पोषण वातावरण मिल सकेगा।

बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में कदम

सरकार की इस योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में 14 प्रकार के निर्माण एवं विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 40 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इन कार्यों में भवनों की मरम्मत, रंग-रोगन, छत की मरम्मत, शौचालय और रसोईघर का निर्माण, पेयजल व्यवस्था, खेल सामग्री, बैठने की व्यवस्था, सुरक्षित परिसर निर्माण जैसे बुनियादी सुधार शामिल हैं।

भवन मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजे गए

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रत्येक जिले से आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति का आकलन कर मरम्मत और विकास कार्यों का ताख्मीना तैयार किया गया। इन प्रस्तावों को समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय, जयपुर को भेजा गया था, जिसमें यह बताया गया कि केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है या शहरी क्षेत्र में, साथ ही किस प्रकार के निर्माण कार्य आवश्यक हैं। इन्हीं प्रस्तावों के आधार पर अब राशि स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।जहां पर शीघ्र ही विकास कार्य शुरू होंगे। इन सभी कार्यों की निगरानी और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित जिला प्रशासन एवं महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपी गई है।

बजट घोषणा से मिली गति

गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री द्वारा इस विषय पर बजट 2024-25 में विशेष घोषणा की गई थी, जिसके बाद शासन स्तर पर योजनाबद्ध ढंग से कार्य योजना बनाई गई। महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव महेंद्र सोनी ने इस संबंध में सभी जिलों को आदेश जारी कर दिए हैं।राज्य सरकार की यह पहल प्रदेश के लाखों बच्चों के लिए एक सकारात्मक बदलाव लेकर आएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों के आधुनिक स्वरूप में बदलने से बच्चों को न केवल बेहतर शिक्षा बल्कि पोषण, सुरक्षा और विकास के अवसर भी मिलेंगे। आने वाले समय में इन केंद्रों का कायाकल्प राज्य के बाल विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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