मातृकुंडिया से मेजा बांध तक आधा पानी गायब!: 22 करोड़ खर्च हुए, फिर भी नहर ‘लीक’

22 करोड़ खर्च हुए, फिर भी नहर ‘लीक’
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भीलवाड़ा। शहर की पेयजल समस्या को दूर करने के लिए मातृकुंडिया बांध से मेजा बांध तक पक्की नहर बनाई गई थी। लेकिन सूचना के अधिकार (RTI) से सामने आया है कि नहर में भारी पानी नुकसान हो रहा है।

RTI से क्या पता चला?

मातृकुंडिया से मेजा के लिए रोज़ 287.38 क्यूसेक (24.83 MCFt) पानी छोड़ा जाता है।

मेजा पहुंचते-पहुंचते सिर्फ 164.35 क्यूसेक (14.20 MCFt) ही बचता है।

➡️ यानी करीब आधा—10.63 MCFt पानी बीच में ही गायब!

खर्च भी करोड़ों में

नहर मरम्मत पर (2021–2024) 22.30 करोड़ रुपये खर्च।

2024–25 में सफाई पर 20 लाख रुपये और दिए गए।

लेकिन आउटलेट नहीं!

अधिशासी अभियंता का कहना:

> “मेजा फीडर पर एक भी आउटलेट नहीं है।”

तो पानी गया कहाँ?

भारतीय किसान संघ का आरोप:नहर को बीच में तोड़कर तालाब, नाड़ियाँ भरी जा रही हैं।कुछ जगहों पर सिंघाड़े की खेती तक की जा रही है।

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