551 कलश यात्रा के साथ चारभुजानाथ बेवाण का आगमन, पंचकुण्डात्मक महायज्ञ का शुभारंभ

लाडपुरा। शिव लाल जांगिड़, लाडपुरा कस्बे के श्री बिहारी नाथ देवनारायण मंदिर प्रांगण में रविवार से भक्ति और आस्था का महाकुंभ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। बानोड़ा बालाजी के आचार्यत्व एवं शेषावतार कल्लाजी महाराज के पावन सान्निध्य में यहाँ 'पंच दिवसीय पंचकुण्डात्मक महायज्ञ' का बानोड़ा बालाजी कैलाशचन्द्र शर्मा द्वारा श्री चारभुजानाथ के बेवाण का आगमन एवं जल कलश यात्रा मंत्रोचार से शुभारंभ किया। महोत्सव को लेकर कस्बे में बानोड़ा बालाजी का राम दिव्य रथ और भगवान चारभुजा नाथ के बेवाण के साथ 551 महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली। जो कलश यात्रा एवं भगवान चारभुजा नाथ की बारात गाजे-बाजे के साथ बाग वाले कुएं से प्रारंभ होकर मुख्य बाजार से होती हुई देवनारायण मंदिर परिसर पहुंचने पर श्री बानोड़ा बालाजी कैलाशचन्द्र शर्मा के वैदिक मंत्रोच्चार से पंच दिवसीय महायज्ञ एवं महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस दौरान गुलाब की पंखुड़ियां से जगह-जगह पुष्प वर्षा कर कलश यात्रा का अभिनंदन किया। यज्ञशाला पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं ने यज्ञ स्थल की परिक्रमा कर कलश की स्थापना की। जहां यज्ञ के लिए देवताओं का आहवान कर पूजा अर्चना आरंभ हुई। इस दौरान भगवान सुथार, दिनेश सिंह शक्तावत, मोडू माली, शंभू धाकड़, नंद गुर्जर, कालू सुथार, तथा बानोड़ा बालाजी से कमलेश सुथार व शंभू सुथार सहित समस्त ग्रामवासी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। चारभुजानाथ का बेवाण आगमन महायज्ञ के दौरान चारभुजानाथ का बेवाण विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे। आस-पास के गांवों से श्रद्धालु भगवान चारभुजानाथ के बेवाण को धूम-धड़ाके, गाजे-बाजे और भजन-कीर्तन के साथ शोभायात्रा के रूप में देवनारायण मंदिर पहुंचे। पांच दिनों तक भगवान का बेवाण यज्ञ मंडप में ही विराजेगा, जहाँ उनकी नित्य पूजा-अर्चना होगी। देवनारायण मंदिर परिसर में 9 से 13 दिसंबर तक महायज्ञ का आयोजन होगा। श्रद्धालु विश्व कल्याण की कामना को लेकर यज्ञ में आहुतियां देंगे। इस दौरान नियमित रामचरित मानस पाठ, दशांश हवन तथा भजन संध्या होगी। महायज्ञ की पूर्णाहुति 13 दिसंबर को होगी।
