56 साल की अनूठी परंपरा: पेंच के बालाजी मंदिर में 21 टन सब्ज़ी से बनेगा अन्नकूट, 56 भोगों का लगेगा दरबार
100 कारीगर 22 घंटे में करेंगे तैयारी, श्रीनाथजी परंपरा में हनुमानजी के समक्ष धराया जाएगा गिरिराज स्वरूप नैवेध्य
भीलवाड़ा ( प्रहलाद तेली -हलचल)।
धर्म, आस्था और लोकसंस्कृति से सराबोर भीलवाड़ा जिला इस बार अपने ऐतिहासिक अन्नकूट महोत्सव को भव्यतम रूप देने की तैयारी में जुट गया है। दीपावली के अगले दिन 22 अक्टूबर, बुधवार को बालाजी मार्केट स्थित सुप्रसिद्ध पेंच के बालाजी मंदिर में आयोजित होने जा रहा 56वां अन्नकूट महोत्सव भक्तिभाव और परंपरा का अद्भुत संगम बनेगा।
मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष अनिल कुमार मानसिंहका एवं जगदीश चंद्र मानसिंहका के निर्देशन में हो रहे इस आयोजन में 56 वर्षों की अटूट परंपरा और हजारों भक्तों की आस्था रची-बसी है।
21 टन सब्ज़ियों से बनेगा महाप्रसाद
मंदिर के महंत पंडित आशुतोष शर्मा ने बताया कि इस वर्ष अन्नकूट को ऐतिहासिक स्वरूप देने के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं।
प्रसाद का निर्माण पारंपरिक विधि से किया जाएगा — इसके लिए पीली मिट्टी और गोबर से विशेष भट्टियां तैयार की गई हैं, जिनमें लकड़ी जलाकर विशाल बर्तनों में भोग पकाया जाएगा। यह प्राचीन विधि प्रसाद की पवित्रता और स्वाद दोनों को सुनिश्चित करती है।
महाप्रसाद निर्माण कार्य दीपावली की रात 12:15 बजे आरंभ होगा और अगले दिन रात 10 बजे तक चलेगा — यानी करीब 22 घंटे का सतत श्रम। इस कार्य में लगभग 100 हलवाई और सेवादार जुटे रहेंगे।
इस दौरान 21,000 किलो (21 टन) सब्ज़ियां, 30 कट्टे चावल और 15 कट्टे चवले उपयोग में आएंगे। मिठाइयां और अन्य भोग सामग्री बाजार से मंगाई जाएगी।
हनुमानजी के समक्ष गिरिराज स्वरूप नैवेध्य
इस अवसर पर मंदिर में विशेष सजावट की जाएगी। भक्तों को हनुमानजी के स्वर्ण चोला दर्शन और श्रीराम दरबार के श्रंगार दर्शन होंगे।
अन्नकूट के तहत छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे। यह आयोजन वल्लभ संप्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी की परंपरा के अनुरूप होगा, जिसमें हनुमानजी महाराज के सम्मुख गिरिराज स्वरूप में चावल और चवले का नैवेध्य धराया जाएगा। यह दृश्य भक्तों के लिए अलौकिक और भावनाओं से भरा होगा।
सायं 6 बजे महाआरती, फिर प्रसाद वितरण
सायं 6 बजे महाआरती के बाद भक्तों को कतारबद्ध तरीके से महाप्रसाद वितरण आरंभ होगा। अनुमानित भीड़ को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने पुलिस प्रशासन से सहयोग मांगा है।
अन्नकूट के लिए आवश्यक सब्जियां भीलवाड़ा मंडी और आसपास के गांवों से मंगाई जा रही हैं, जिससे स्थानीय किसानों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।
बालाजी मार्केट एसोसिएशन द्वारा मंदिर परिसर और बाजार में भव्य विद्युत सज्जा की जा रही है, जिससे पूरा क्षेत्र दीपावली के बाद भी जगमगाता रहेगा।
