हरिद्वार से हरनी महादेव तक 800 किलोमीटर की पैदल कावड़ यात्रा

हरिद्वार से हरनी महादेव तक 800 किलोमीटर की पैदल कावड़ यात्रा
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भीलवाड़ा धर्म, सेवा और संस्कार की जीवंत मिसाल पेश करते हुए मंडपिया भीलवाड़ा निवासी गौ पुत्र श्री निर्भय पराशर व गणेश पाराशर ने एक अनुकरणीय पहल की है। वे गौ माता के सम्मान और संपूर्ण जगत कल्याण के संकल्प के साथ हरिद्वार (उत्तराखंड) से हरनी महादेव (भीलवाड़ा, राजस्थान) तक की लगभग 800 किलोमीटर लंबी पैदल कावड़ यात्रा कर रहे हैं।

यह कावड़ यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, अपितु एक आध्यात्मिक आंदोलन भी है, जिसमें गौ माता की महिमा का प्रचार-प्रसार करते हुए समाज को गौ संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है। यह पदयात्रा न केवल श्रद्धा और आस्था की अभिव्यक्ति है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, शाकाहार, संयम और राष्ट्र निर्माण जैसे मूल्यों की पुनःस्थापना का प्रयास भी है।

इस कठिन यात्रा में गौ पुत्र निर्भय व गणेश पाराशर प्रतिदिन दर्जनों किलोमीटर की पदयात्रा कर विभिन्न गांवों और नगरों से होकर गुजर रहे हैं। यात्रा के मार्ग में वे स्थानीय लोगों को गौ माता की सेवा, भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों और आत्मकल्याण के विषय में प्रेरणादायी विचार भी साझा कर रहे हैं।

दोनों भाईयो का यह संकल्प समर्पण, संयम और संकल्पशक्ति का प्रतीक है। उन्होंने इस यात्रा को “हर कदम गौ माता को समर्पित” बताते हुए युवाओं से आग्रह किया है कि वे भी धर्म, संस्कृति और गौ सेवा से जुड़ें।

यह कावड़ यात्रा न केवल धार्मिक जगत में एक प्रेरक घटना बन चुकी है, बल्कि यह जनमानस में सेवा, श्रद्धा और संकल्प के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर रही है।

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