ओबीसी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सशक्त नीति जरूरी : मदन भाटी

भीलवाड़ा, । राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग, राजस्थान सरकार द्वारा बुधवार को नगर निगम सभागार में जिला स्तरीय जनसंवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित कर अन्य पिछड़ा वर्ग से हितधारकों के सुझाव लिए गए। राजस्थान ओबीसी आयोग की जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि जनसंवाद के दौरान आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) मदनलाल भाटी तथा सदस्य गोपाल कृष्ण शर्मा ने अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से संबंधित विभिन्न विषयों एवं मुद्दों पर हितधारको के साथ विचार- विमर्श व चर्चा करते हुए सुझाव लिए। इस मौके पर आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) श्री मदनलाल भाटी ने कहा कि आयोग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण से जुड़े पदाधिकारियों, हितधारकों व आमजन के साथ प्रत्यक्ष संवाद किया जा रहा है। आयोग संबंधित हितधारकों से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई कर आवश्यक प्राथमिक टिप्पणियां एवं सुझाव प्राप्त कर रहा है तथा उस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा जन साधारण/अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण हेतु कार्यरत संस्थाओं/हितबद्ध/हितधारकों से राज्य के वह अन्य पिछडा वर्ग के पिछड़ेपन के अध्ययन के संबंध में ईकृमेल व कार्यालय में तथा जनसंवाद कार्यक्रम के माध्यम से सुझाव लिए जा रहे हैं।उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा विभिन्न हितधारको संवाद किया जा रहा है।
इस अवसर पर आमजन एवं विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा पंचायतीराज एवं नगरीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व के संबंध में क्रमवार अपने सुझाव एवं परिवाद आयोग के समक्ष प्रस्तुत किए गए। आयोग अध्यक्ष श्री मदनलाल भाटी ने उपस्थित आमजन एवं संगठनों को राजस्थान में अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों को प्रदत्त आरक्षण, आयोग के गठन के उद्देश्य, कार्यक्षेत्र तथा संबंधित कानूनी प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी।
इस दौरान बताया गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसरण में आयोग को राज्य के भीतर स्थानीय निकायों (ग्रामीण / शहरी) में सभी स्तरों पर अन्य पिछडा वर्ग के पिछड़ेपन की प्रकृति एवं उसके निहितार्थों की समसामयिक एवं अनुभवजन्य तरीके से गहन जांच / अध्ययन कर राज्य की पंचायतीराज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के निर्वाचनों में अन्य पिछडा वर्ग के आरक्षण के संबंध में अनुशंषाएं राज्य सरकार को एक निश्चित समय में प्रस्तुत करनी है। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय राज्य स्तरीय ओबीसी आयोग प्रदेश की सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के कल्याण एवं स्थानीय निकायों में उनके समुचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने हेतु पंचायती राज और शहरी निकायों में ओबीसी जातियों को आरक्षण देने का फार्मूला तय कर अपनी रिपोर्ट पर काम कर रहा है। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में आरक्षण लागू किया जाएगा। उपस्थित हितधारकों ने जातीय जनसंख्या आधार पर वर्गीकरण व आरक्षण निर्धारित करने, जातिगत सर्वे करवाने, ओबीसी महिलाओं की समुचित भागीदारी व आरक्षण सहित सुझाव दिए।
कार्यक्रम में आमजन, राजनैतिक व्यक्तियों, हितबद्ध व्यक्तियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के विचार एवं उनके सुझावों पर, राज्य की पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के निर्वाचनों में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में सुझावों पर चर्चा की गई। इस दौरान नगर निगम महापौर राकेश पाठक, उपमहापौर रामलाल योगी, उपजिला प्रमुख शंकर लाल गुर्जर, एडीएम सिटी प्रतिभा देवठिया, यूआईटी ओएसडी चिमन लाल, नगर निगम आयुक्त हेमाराम चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, ओबीसी संगठनों के प्रतिनिधि तथा आमजन मौजूद रहे।
