भीलवाड़ा में पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल, बजरी लीज धारक द्वारा 21 हजार पौधों का रोपण शुरू

भीलवाड़ा जिले में राजस्थान की पहली ऐसी पहल देखने को मिल रही है, जहां बजरी लीज धारक द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में व्यापक स्तर पर पौधारोपण किया जा रहा है। बनास नदी के ब्लॉक BJ-03 के बजरी लीज धारक मैसर्स मांगीलाल बिश्नोई द्वारा पर्यावरण कंप्लायंस के तहत आसपास की पंचायतों में 21,000 छायादार एवं फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं।
इस योजना के अंतर्गत अकोला ग्राम पंचायत एवं जीवाखेड़ा ग्राम पंचायत क्षेत्र को शामिल किया गया है। वर्तमान में अकोला ग्राम पंचायत के खजीना गांव में सवाईपुर–मांडलगढ़ हाईवे पर 11 हेक्टेयर क्षेत्र में “सघन वन (मियावाकी)” पद्धति के तहत पौधारोपण कार्य प्रारंभ किया गया है।
इस संबंध में नरेश बिश्नोई ने बताया कि लीज धारक द्वारा पूरे क्षेत्र में पहले तारबंदी करवाई गई है। इसके बाद आसपास की गौशालाओं से देसी खाद एवं नारियल के छिलके खरीदकर मिट्टी में मिलाया गया है, जिससे कम पानी में भी पौधों की बेहतर वृद्धि सुनिश्चित हो सके।
इसके अलावा अकोला ग्राम पंचायत के अकोला गांव में बनास नदी के किनारे तेजाजी मंदिर प्रांगण में 1.79 हेक्टेयर क्षेत्र में भी तारबंदी कर पौधारोपण किया जा रहा है। वहीं जीवाखेड़ा ग्राम पंचायत के चांदगढ़ गांव में बनास नदी के तट पर लगभग 11 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे लगाए जाने की योजना है।
यह संपूर्ण कार्य चारागाह विकास योजना के तहत किया जा रहा है, जिससे न केवल हरित क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि भूजल स्तर में वृद्धि भी होगी। साथ ही फलदार पौधों के रोपण से ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।
इस पर्यावरणीय पहल को सफल बनाने में अकोला ग्राम पंचायत के सरपंच शिवलाल जाट एवं जीवाखेड़ा ग्राम पंचायत के शोभालाल जाट का विशेष सहयोग रहा, जिनके समन्वय से पौधारोपण कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ रहा है।
राजस्थान में इस प्रकार की यह पहली पहल मानी जा रही है, जो प्रदेश के अन्य लीज धारकों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगी और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मजबूत संदेश देगी।
