नदी में बाइक के साथ बह गया युवक, चट्टान पकड़ में आने के बाद चार घंटे बैठा रहा बहते पानी के बीच, फरिश्ता बनकर आई एसडीआरएफ ने ऐसे बचाई जान

नदी में बाइक के साथ बह गया युवक, चट्टान पकड़ में आने के बाद चार घंटे बैठा रहा बहते पानी के बीच, फरिश्ता बनकर आई एसडीआरएफ ने ऐसे बचाई जान
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भीलवाड़ा प्रेमकुमार गढ़वाल। जिले के काछोला थाना इलाके में चैनपुरा में पुलिया पार करते समय गंभीर हादसा होते-होते बचा। बहती बनास नदी के पुल को पार करने की कोशिश में बाइक सवार युवक बह गया। गनीमत रही कि नदी के बीच चट्टान होने से युवक चट्टान पर चढक़र वहां बैठ जाने से वह डूबने से बच गया। युवक के बहने की घटना के बाद आस-पास मौजूद लोगों ने पुलिस के जरिये एसडीआरएफ को सूचना दी। टीम ने बहती नदी के बीच ४ घंटे से बैठे इस युवक को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया। हालांकि उसकी बाइक अभी बाहर नहीं निकाली जा सकी।

अच्छी बारिश के कारण उफान पर नदी

भीलवाड़ा और शाहपुरा जिलों से बनास गुजर रही है। शाहपुरा जिले के पारोली-चैनपुरा गांवों के बीच इस नदी पर चैनपुरा पुलिया स्थित है। पिछले दिनों से हो रही जोरदार बारिश के कारण नदी उफान पर है। नदी का जल स्तर बढऩे से चैनपुरा पुलिया पर पानी आया हुआ है। बावजूद इसके, तमाम लोग पुल पार करने की कोशिश करते हैं। सोमवार शाम को मीरांनगर पारोली निवासी भागचंद २५ पुत्र रामेश्वर कीर भी बाइक से ही पुल पार करने का प्रयास कर रहा था, जो पुलिया के बीच पहुंच गया तभी अचानक पानी के तेज बहाव के चलते बाइक फिसल गई और वह पानी के साथ बाइक सहित नदी में जा गिरा और बह गया।

पुलिया से 300 मीटर दूर चट्टान पकड़ में आई

भागचंद पुलिया से गिरने के बाहर तेज बहाव में बहता हुआ करीब 300 मीटर दूर चला गया, तभी नदी के बीच उसे चट्टान नजर आई और उसने चट्टान का कस कर पकड़ा और संघर्ष करते हुये चट्टान पर चढक़र बैठ गया। उधर, आस-पास मौजूद लोगों ने इसकी सूचना काछोला व पारोली पुलिस को दी। दोनों थानों के थाना प्रभारी, जहाजपुर एसडीएम, खजूरी से नायब तहसीलदार भी मौके पर पहुंच गये।

5 घंटे उफनती नदी के बीच बैठा रहा भागचंद

चट्टान पर चढऩे के बाद भागचंद करीब 4 घंटे तक उफनती नदी के बीच बैठा रहा। उधर, पुलिस ने मांडलगढ़ से एसडीआरएफ टीम को मौके पर बुलवा लिया। टीम ने रेस्क्यू कर रात करीब दस बजे भागचंद को बनास नदी से सुरक्षित बाहर निकाल लिया। भागचंद की बाइक अभी नदी में ही है। बाइक को रात हो जाने के कारण नहीं निकाला जा सका।

भागचंद बोला, मैने सोच लिया पत्थरों पर ही बैठना...

भागचंद के सुरक्षित बाहर आने पर एसडीएम व नायब तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों ने उससे बातचीत करते हुये कहा कि तुमने हिम्मत रखी और घबराया नहीं, यह अच्छा रहा। उधर, भागचंद ने अधिकारियों से कहा कि उसने चट्टान पकडऩे के बाद सोच लिया कि उसे अब पत्थर पर ही बैठना है। भागचंद ने देवदूत बनकर आये अधिकारियों व एसडीआरएफ टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया।

पत्नी से मिलने जा रहा था ससुराल

बताया गया है कि भागचंद अपने गांव से बाइक पर पत्नी से मिलने के लिए अपने ससुराल जा रहा था। वह रास्ते में ही अपनी ही लापरवाही के चलते हादसे का शिकार हो गया। गनीमत रही कि उसकी जान बच गई।


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