गौमाता की आरती, तिलक व चुनरी ओढ़ाकर की पूजा, गौ सेवकों का हुआ सम्मान

भीलवाड़ा।
सुखाड़िया नगर स्थित कोठारी नदी किनारे बने श्री कामधेनु बालाजी मंदिर में गोपाष्टमी महोत्सव बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। यह मंदिर मेवाड़ का एकमात्र स्थान है जहां गौमाता की प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमा समाधि स्थल के रूप में विराजमान है।
मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष राधेश्याम सोमानी ने बताया कि गोपाष्टमी पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ा है। इसी दिन श्रीकृष्ण और बलराम ने गौ चारण की शुरुआत की थी। महोत्सव के तहत गौमाता को तिलक कर चुनरी ओढ़ाई गई और जयकारों के साथ सामूहिक आरती की गई।
गौ सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले गौ सेवकों का सम्मान भी किया गया। सम्मानितों में सोनू गौर, सुरभि गौशाला एंबुलेंस चालक शंकर सालवी, श्रीराम गौ सेवा समिति के भाई राम, लखन, पशु चिकित्सालय के गौ सेवक नारायण लाल शामिल रहे। इन्हें दुपट्टा और बालाजी महाराज की तस्वीर भेंट की गई।
कार्यक्रम का संचालन विश्व हिंदू परिषद के बद्रीलाल सोमानी ने किया। उन्होंने मंदिर के इतिहास और महंत बाबू गिरी जी महाराज के योगदान का उल्लेख करते हुए आभार व्यक्त किया।
