मुमुक्ष प्रकाश भाई की कल होगी जैन भागवती दीक्षा


आसींद(सुरेंद्र संचेती)

जिस पल का लंबे समय सा इंतजार था वो पल रविवार को प्रातः10.15 बजे आने वाला है। मुमुक्ष प्रकाश भाई सांसारिक जीवन त्याग कर मुनि के रूप में नजर आने वाले है। पंच दिवसीय कार्यक्रम के तहत आज चतुर्थ दिवस पर धर्मसभा में दीक्षार्थी भाई का अभिनंदन करके केसर की रस्म अदा की गई। मुमुक्ष भाई ने स्वयं ने सभी पर केसर की वर्षा कर दीक्षा समारोह में भाग लेने का निमंत्रण प्रदान किया। सभी श्रावक श्राविकाओं ने आज नवकारसी सहित अन्य तप ग्रहण किए।

साध्वी दर्शन लता ने धर्मसभा में कहा कि संयम के बिना मुक्ति नही मिलती है। मुमुक्ष भाई इसी संयम की राह पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हुए है। अकेले में लिया गया संकल्प कमजोर भी हो सकता है। समुदाय के सामने लिए गए संकल्प में मजबूती रहती है। मुमुक्ष भाई मूलतः महाराष्ट्र के नंदुरवार जिले के है। 22 वर्ष तक इन्होंने संतो की सेवा कर अनेक तप और त्याग किया है। पिछले 6 माह से नानक संघ के संत स्वरूप मुनि के सानिध्य में रहने से वैराग्य के भाव उत्पन्न हुए।

साध्वी रिझूलता ने कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने संयम लेने से पूर्व एक वर्ष तक वर्षीदान किया। वर्षीदान में प्रतिदिन 1करोड़ 8 लाख सोने की मुद्राओं का दान करते थे। वर्षीदान करने से धर्म की शुरुआत होती है, आत्मा का कल्याण करने के लिए दीक्षा ली जाती है। भगवान महावीर के दिल में सदेव सभी के दुःख मिटाने की भावना रही है। साध्वी ने वर्षीदान के प्रभाव पर भी विस्तृत प्रकाश डाला।

मुमुक्ष भाई का वरघोड़ा प्रातः 8 बजे ताराचंद जी रांका के निवास से प्रारंभ होगा जो कस्बे के प्रमुख मार्गो से होता हुआ महावीर भवन धर्मसभा में परिवर्तित हो जायेगा। समारोह के मुख्य अतिथि के लिए किशोर कुमार महावीर कुमार कोटड़ीया एवम अध्यक्षता हेतु देवीलाल तातेड़ को आमंत्रित किया है। गौतम प्रसादी के लाभार्थी ताराचंद रांका, भंवर लाल कांठेड़, चांद मल चौधरी परिवार है। महिला मंडल ने दोपहर में मंगल गीत चौबीसी गाई। संघ अध्यक्ष चंद्र सिंह चौधरी मंत्री पूरण मल चौधरी ने दीक्षा समारोह में अधिक से अधिक भाग लेने की अपील की।

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