जीवन जीने के लिए जिनवाणी का सुनना जरूरी है: साध्वी डॉ कुमुदलता

जीवन जीने के लिए जिनवाणी का सुनना जरूरी है: साध्वी डॉ कुमुदलता
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आसींद। जीवन जीने के लिए जैसे पानी की जरूरत होती है वैसे ही जिनवाणी सुनने की जरूरत होती है। जैन मंत्रों में अपार शक्ति विद्यमान है। गुरु हमारी वाणी का कारक होता है।गुरु की दृष्टि जिस पर पड़ जाती है उस परिवार में सुख शांति समृद्धि बनी रहती है। उक्त विचार साध्वी डॉ कुमुदलता ने महावीर भवन में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए।

साध्वी डॉ महाप्रज्ञा ने धर्म सभा में कहा कि जिनवाणी को जीवन में उतार कर अपने जीवन में बदलाव लाए। आध्यात्म करने से आत्मा का मेल निकल जाता है। भगवान महावीर का शासन 21000 वर्ष तक चलेगा हमे जो जीवन मिला है उसको जीना सीखो। जो औरों के लिए जीता है संसार उसे याद रखता है। जिंदगी किराए का घर है, एक दिन सबको जाना पड़ेगा।

साध्वी डॉ पद्मकीर्ति ने कहा कि भौतिकता के इस युग में मानव इतना फस गया है कि वह धर्म को भूल गया है। जीवन में सबसे पहले क्रोध का त्याग करे। जब भी क्रोध आवे तो उसे शांत करे। क्रोध जीवन को बर्बाद कर देता है। अपने आप को सुखी रखे एवं सदैव अपनी सोच को सकारात्मक रखे। जीवन में सुख आवे तो इतराना नहीं, दुःख आवे तो घबराना नहीं। सदेव सभी से मुस्कराते हुए बात करे। साध्वी राजकीर्ति द्वारा भगवान महावीर की प्रार्थना का वाचन किया गया। धर्म सभा में पूर्व विधायक हगामी लाल मेवाड़ा ने भी आकर साध्वी मंडल का आशीर्वाद लिया।

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