आत्मा में गुणों की अभिवृद्धि के लिए है चातुर्मास: धैर्य मुनि

आसींद। धर्म एक ऐसा जहाज है जिसमें बैठकर भव पार किया जा सकता है। जैन आगम के अनुसार चातुर्मास आज शाम को प्रतिक्रमण करने से ही शुरू हो जाता है। चार महीने एक ही स्थान पर रहकर धर्म की अलख जगाई जाती है। आत्मा में गुणों की अभिवृद्धि करने के लिए चातुर्मास आता है। समय की उपयोगिता को अच्छे से समझे। जो समय निकल गया वो कभी भी वापस लौटकर नहीं आता है। उक्त विचार चातुर्मास काल के प्रथम दिवस पर नव दीक्षित संत धैर्य मुनि ने महावीर भवन के प्रवचन हाल में आयोजित धर्म सभा में व्यक्त किए।

मुनि ने गुरु पूर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा कि भारत विश्व गुरु रहा है । यहां पर साधु संतों को विशेष महत्व प्रदान किया हुआ है। गुरु के प्रति कृतज्ञता एवं समर्पण दिखाने का अवसर आया है। दूर दृष्टि रखते हुए सबसे पहले देश में स्वाध्याय संघ की स्थापना पन्ना गुरुवर ने की उसके पश्चात धीरे धीरे सभी संघों ने अपने यहां से स्वाध्याय भेजना शुरू किए। तपस्वी संत धीरज मुनि के आज आठ उपवास की तपस्या होने पर सभी ने उनके तप की अनुमोदना की

प्रवर्तिनी डॉ दर्शन लता ने धर्मसभा में कहा कि चातुर्मास काल में सभी जीवो की रक्षा एवं दया के भाव हो साथ ही धर्म साधना में अभिवृद्धि का लक्ष्य हो। धर्म गुरुओं के साथ जुड़ाव बढ़ाना, अपनी भूलो और कमियों में सुधार करना,सद्गुणों में अभिवृद्धि करने का लक्ष्य रखना है। ज्ञान,दर्शन, चारित्र, तप,भाव की प्रेरणा से पाप कर्मों को छोड़ना एवं नियम व्रत का पालन करना है। चातुर्मास काल में अधिक से अधिक तप त्याग और साधना हो यह सभी का लक्ष्य होना चाहिए।

साध्वी ऋजु लता ने कहा कि हमारा देश ऋषि प्रधान देश है। हमारे यहां पर गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सभी गुरुओं का आदर के साथ सम्मान किया जाता है। गुरु ही हमें सही रास्ता दिखाकर सदमार्ग पर लेकर जाते है। देव, गुरु, धर्म ऐसे तत्व है जिनके सामने दूसरे सारे तत्व फेल है। गुरु ही हमें अरिहंत, सिद्ध तक पहुंचाते है। जीवन में सदैव लोगों के दिलों को जीतने की कोशिश करो। किसी का भी दिल दुखे ऐसा कार्य मत करो। हर जीव को जीने का अधिकार है हमें उन अधिकारों पर कभी भी अतिक्रमण नहीं करना है। अहंकार को सदेव दूर रखते हुए उस पर विजय प्राप्त करनी है। जीओ और जीने दो के सिद्धांत का पालन करना है। धर्मसभा में बदनोर संघ के मंत्री हीरा लाल गोखरू ने भी विचार व्यक्त किए। स्थानीय संघ के पदाधिकारी अशोक श्रीमाल ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार ज्ञापित किया।

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