सकल जैन संघ हुआ वरघोड़े में शामिल
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आसींद(मंजूर )
आगामी 2 मार्च को आसींद क्षेत्र के अंटाली ग्राम में संयम पथ का मार्ग अपनाने जा रहे दीक्षार्थियों का भव्य वरघोड़ा आचार्य पुंडरीक रत्न सुरीश्वर महाराज सा एवं साध्वी जिनेन्द्र प्रभा की निश्रा में गाजे बाजे के साथ सकल जैन संघ की उपस्थिति में धूमधाम से निकाला गया।
वरघोड़ा महावीर भवन के प्रवचन हाल से शुरू हुआ जो कस्बे के मुख्य मार्ग बड़ा मंदिर चौराहा, महावीर बाजार, गांधी मार्केट, हॉस्पिटल रोड से होता हुआ पुनः महावीर भवन पहुंचा जहां पर दीक्षार्थी नीलेश डागा, उनकी पत्नी गीता डागा, पुत्री खुशी डागा तीनों का संघ द्वारा बहुमान कर गोद भराई की रस्म अदा की गई, एक दीक्षार्थी बाहर होने से वह समारोह में नहीं पहुंच पाए । तेरापंथ धर्म संघ द्वारा भी तेरापंथ भवन में साध्वी जी की उपस्थिति में दीक्षार्थियों का बहुमान किया गया। वरघोड़े के दौरान पूरे रास्ते लोगो ने दीक्षार्थियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में आचार्य पुंडरीक रत्न सुरीश्वर महाराज सा ने कहा कि संयम का मार्ग काफी दुर्लभ मार्ग है इस मार्ग को इन्होंने स्वीकार किया है। यह एक बहुत बड़ा युद्ध है जो बिना शस्त्र के लड़ा जाता है। यह एक विचित्र युद्ध है जिसे भगवान महावीर स्वामी ने 2500 वर्ष पूर्व बता दिया जिसमें स्वयं से लड़ना बताया गया है। तप करना साधना करना आदि है। हमें परमात्मा से सीधा संबंध बनाना है। परमात्मा के साथ ऐसे संबंध बनाए जो जन्मों जन्मों तक घनिष्ठ संबंध बने रहे। हमे अंहकार को त्याग कर समर्पण की भावना रखनी चाहिए। मनुष्य जन्म में अंहकार ही सबसे बड़ा दुःख का कारण है।हम तीन लोक के नाथ से जब भी मिलने जावे बड़े उत्साह उमंग के साथ जाना चाहिए और परमात्मा की भक्ति में लीन हो जाना चाहिए। बड़े भाग्यवान होते है वो जिनका घर मंदिर के पास हो। इस अवसर पर बालिका मंडल से मिनल कोठारी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संघ द्वारा दीक्षार्थीयो का माला, शाल से स्वागत कर उनकी गोद भराई की गई। इस अवसर पर अंटाली संघ ने सभी से विनती की कि 28 फरवरी से 2 मार्च तक तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव है उसमें सभी को पधारना है। धर्म सभा को साध्वी जिनेन्द्र प्रभा, दीक्षार्थी नीलेश डागा, गीता डागा आदि ने संबोधित किया।