मधुर वाणी सभी के दिलों को प्यारी लगती है: धैर्य मुनि

आसींद ( सुरेंद्र संचेती) हमे सदेव अपनी वाणी पर पूरा नियंत्रण रखना चाहिए, हम ऐसी वाणी का प्रयोग नहीं करे जिससे सामने वाले व्यक्ति के दिल को ठेस पहुंचे। जो व्यक्ति कम बोलता है, आवश्यकता होने पर बोलता है वह सभी को प्यारा लगता है। ज्यादा बोलने वाला व्यक्ति काम बिगाड़ता है। हम जब भी बोले ह्रदय रूपी तराजू में बात को तोलकर बोले। मधुर वाणी दुश्मन को भी मित्र बना लेती है। ज्यादा बोलने वाले व्यक्ति की घर, समाज में कही भी कद्र नहीं होती है। मधुर बोलोगे तो सभी के दिलों में उतर जाओगे और कड़वा बोलोगे तो दिल से उतर जाओगे। दिल के अंदर प्यार और प्रेम की भावना रखनी चाहिए। उक्त विचार नवदीक्षित संत धैर्य मुनि ने महावीर भवन में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए।
साध्वी डॉ चरित्र लता ने कहा कि सम्यक दृष्टि वाला व्यक्ति शरीर के लिए खाता है। मिथ्या दृष्टि वाला व्यक्ति स्वाद के लिए खाता है। सम्यक दृष्टि वाला व्यक्ति शांत प्रवृति का एवं धर्म में रुचि रखने वाला होता है जब कि मिथ्या दृष्टि वाला व्यक्ति स्वभाव से क्रोधित एवं तप जप करने वाला नहीं होता है। हमे सम्यक दृष्टि वाला बनना है अपने विचारों को सकारात्मक रखना है। साध्वी ऋजु लता ने आदर्श विवाह कैसे हो, किन बातों की सावधानी रखनी चाहिए इस पर विस्तार से प्रकाश डाला। रविवार को नवकार महामंत्र के सामूहिक जाप की 232 वी कड़ी आयोजित होगी जिसमें अधिक से अधिक भाग लेने के लिए प्रेरणा प्रदान की।
