प्रवचन में हुई बड़ी-बड़ी तपस्याओं के पछकाण, आचार्य सुदर्शन लाल का संदेश – "संपत्ति से बढ़कर सम्प"

प्रवचन में हुई बड़ी-बड़ी तपस्याओं के पछकाण, आचार्य सुदर्शन लाल का संदेश – संपत्ति से बढ़कर सम्प
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भीलवाड़ा। सद्भावना वर्षावास के अवसर पर आयोजित प्रवचन में आचार्य सुदर्शन लाल म.सा. ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि संपत्ति के कारण ‘सम्प’ यानी रिश्ते टूट जाते हैं। अगर संपत्ति और सम्प में से किसी एक को चुनना हो तो सम्प को चुनना चाहिए, जिससे परिवार में प्रेम और शांति बनी रहे।

उन्होंने कहा कि परिवार साथ हो तो बड़ी से बड़ी समस्या का सामना सहजता से किया जा सकता है, लेकिन परिवार विश्वास से चलता है। छोटे से अविश्वास से भी नजदीकी रिश्ते टूट जाते हैं। कर्तव्य भाव से निभाया गया परिवार स्थायी रहता है, जबकि अधिकार के भाव से परिवार टूट जाता है। एक छत के नीचे रहना आसान है, लेकिन एक होकर रहना कठिन है।

हुक्मीचंद खटोड़ ने बताया कि प्रवचन के दौरान बिजयनगर निवासी प्रवीण संचेती ने 71 उपवास का और आशा देवी सम्पत छाजेड़ ने बड़े सौगन का प्रत्यक्षण लिया। इसके साथ ही अठाई, नौ और ग्यारह उपवास की तपस्याओं के पछकाण भी हुए।

आज की सभा में बिजयनगर, ब्यावर, खेजड़ी, नसीराबाद, गुलाबपुरा, अंटाली सहित विभिन्न स्थानों से संघ के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे।

सभा में भंवरलाल कोठारी, ज्ञानचंद सांखला, पूनम अब्बानी, प्रकाश बडोला, एस. एस. जैन, मिठूलाल रांका, पूनम बडोला, महेंद्र सोनी सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

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