नौ साल बाद स्व-अध्ययन से अनुप्रिया बनी चार्टेड अकाउंटेंट

नौ साल बाद स्व-अध्ययन से अनुप्रिया बनी चार्टेड अकाउंटेंट
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आकोला (रमेश चंद्र डाड) वो कहते है ना "संघर्ष ही जीवन की सच्चाई है,और यही हमें सपनो की सच्चाई तक पहुंचता है,और अगर हम कुछ ठान लेते है और उसी पथ पर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ते है तो मंजिल जरूर आपका मस्तक चूमती है"

इसी संदर्भ में यह कहानी है एक मां की,एक बहु की,एक पत्नी की,एक बेटी की।,छोटे से बरूंदनी गांव की बहु अनुप्रिया की।

अनुप्रिया ने 2012 में 12th उत्तीर्ण करके CA की पढ़ाई के लिए पढ़ाई शुरू की,शुरू से ही मेधावी होने की वजह से उन्होंने 2012 में CPT परीक्षा फिर इंटरमीडिएट 2016- 2017 तक दोनों समूह पास कर लिए,फिर CA फाइनल की परीक्षा से पहले अनुप्रिया की शादी हो गई ,फिर घर गृहस्थी और 2020 में एक बच्ची की मां,उसके बाद पढ़ाई लगभग छूट ही गई थी,परंतु नियति को कुछ और मंजूर था।

एक तीन साल की बेटी की मां अनुप्रिया ने 7 साल बाद फिर पढ़ाई शुरू की, गृहस्थी तथा बच्ची के देखभाल के साथ कोचिंग करना मुश्किल था परंतु अनुप्रिया ने स्व-अध्ययन करना शुरू किया,दो बार असफलता मिली परन्तु हिम्मत नहीं हारी,वहीं दृढ़ संकल्प के साथ फिर स्व-अध्ययन में जुट गई,आखिरकार फिर मई 2025 के प्रयास में CA परीक्षा पास कर ही ली।वो कहते हैं ना सफलता उन लोगों को मिलती है जो कभी हार नहीं मानते और लगातार मेहनत करते रहते हैं। उनका दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास उन्हें अपने लक्ष्य के करीब ले जाता है।

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