भगत सिंह के विचारों और बलिदान को समर्पित एक प्रेरणादायक संध्या, शहरभर में निकाला गया भव्य जुलूस

भगत सिंह के विचारों और बलिदान को समर्पित एक प्रेरणादायक संध्या, शहरभर में निकाला गया भव्य जुलूस
X

भीलवाड़ा, पेसवानी सतत सेवा संस्थान द्वारा नगर परिषद सभागार में आयोजित एक ऐतिहासिक संध्या में शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जीवनी पर आधारित 'मृत्युंजय' नाटक का सजीव मंचन किया गया, जिसने नगरवासियों के हृदय को देशभक्ति से भर दिया।

सांय 7:00 बजे, सर्किट हाउस से एक भव्य ओपन जीप जुलूस निकाला गया, जिसमें शहीद भगत सिंह जी के भतीजे किरणजीत सिंह और क्रांतिकारी शोधकर्ता प्रदीप देशवाल शामिल थे। यह जुलूस शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ मां भारती की जयघोष और वन्देमातरम् के नारों के बीच नगर परिषद सभागार (टाउन हॉल) पहुंचा। रास्तेभर लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

कार्यक्रम की शुरुआत ठीक 7:59 बजे दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें महामंडलेश्वर हंसराम संत, काठिया बाबा संत दास जी, पं. बृजेंद्र शास्त्री, सांसद दामोदर अग्रवाल, विधायक अशोक कोठारी, महापौर राकेश पाठक, RSWM के सीईओ योगेश दत्त तिवारी सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया।

विशेष अतिथि किरणजीत सिंह ने भगत सिंह के जीवन के कई अनछुए पहलुओं को साझा करते हुए कहा,

"भगत सिंह केवल बम और बंदूक की पहचान नहीं थे, बल्कि विचारों के महान योद्धा थे। उनके आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं।"

नाटक के शोध निर्देशक प्रदीप देशवाल, जो अब तक 100 से अधिक क्रांतिकारियों पर शोध कर चुके हैं, ने कहा:

"भगत सिंह ने जिस भारत का सपना देखा था, वह सामाजिक समानता, शिक्षा, और जागरूकता से भरा भारत था। हमें उनके विचारों को जीवन में उतारना होगा।"

नाटक का निर्देशन संस्कार भारती से जुड़े विजयपाल वर्मा एवं हरीश पंवार ने किया, जिसमें 35 से अधिक कलाकारों ने हिस्सा लिया। मंचन इतना प्रभावशाली था कि पूरा सभागार बार-बार जयघोष से गूंज उठा और कई दर्शकों की आंखें नम हो गईं।

संस्थापक अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा,

"हमारा उद्देश्य केवल नाटक मंचित करना नहीं, बल्कि उस विचारधारा को जीवित रखना है जिसे भगत सिंह ने अपने खून से सींचा।"

वहीं सेवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा ने कहा,

"सतत सेवा संस्थान सदैव राष्ट्रभक्ति, सेवा और सांस्कृतिक जागरण के लिए प्रयासरत है। ‘मृत्युंजय’ नाटक उसी दिशा में एक सशक्त कदम है।"

कार्यक्रम में नगर के प्रबुद्ध नागरिक, विद्यार्थी, युवा वर्ग और सामाजिक संगठनों की भारी उपस्थिति रही। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक अभिव्यक्ति थी, बल्कि भावी पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति की राह पर चलने के लिए प्रेरणा देने वाला एक शक्तिशाली संदेश भी।

Tags

Next Story