जान जोखिम में डालकर चल रही आंगनबाड़ी, प्रशासनिक आदेश को किया नजरअंदाज़

मांडल (भीलवाड़ा)। मांडल उपखंड क्षेत्र की नीमखेड़ा ग्राम पंचायत में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र को लेकर गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। दो वर्ष पूर्व स्थानीय ग्रामीणों के विरोध और लिखित शिकायत के आधार पर, जिला प्रशासन ने उक्त भवन को 'नकारा' घोषित कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज भी उसी भवन में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किया जा रहा है।
जर्जर भवन में चल रही आंगनबाड़ी, बच्चों की जान जोखिम में
ग्रामीणों का कहना है कि आंगनबाड़ी भवन की हालत बेहद खस्ताहाल है, और किसी भी समय हादसा हो सकता है। भवन को जिला प्रशासन द्वारा असुरक्षित घोषित किए जाने के बाद भी विभाग ने भवन को खाली नहीं किया और दो साल से मासूम बच्चों की जान जोखिम में डालकर वहां आंगनबाड़ी चलाई जा रही है।
ग्रामीणों का दो टूक विरोध, विभाग पर तानाशाही के आरोप
स्थानीय ग्रामीणों ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर तानाशाही रवैये का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विभाग न तो ग्रामीणों की आपत्तियों को गंभीरता से ले रहा है, न ही प्रशासनिक आदेशों का सम्मान कर रहा है।
ग्रामीणों ने दोबारा चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि जल्द ही भवन को बंद नहीं किया गया तो वे सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
नीमखेड़ा में संचालित आंगनबाड़ी भवन 2 वर्ष पूर्व नकारा घोषित असुरक्षित भवन में अब भी आंगनबाड़ी केंद्र संचालित विभाग ने प्रशासनिक आदेश व जन विरोध को किया अनदेखा मासूम बच्चों की जान को खतरे में डाल रही लापरवाही , ग्रामीणों ने की नई जगह पर आंगनबाड़ी शिफ्ट करने की मांग इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि ब्यूरोक्रेसी की लापरवाही और विभागीय तानाशाही का सीधा खामियाजा गांव के मासूम बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। यदि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो यह किसी बड़े हादसे को न्योता देने जैसा होगा।