सुपार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में वार्षिक कलशाभिषेक समारोह सम्पन्न

भीलवाड़ा। शास्त्रीनगर न्यू हाउसिंग बोर्ड स्थित सुपार्श्वपाथ दिगम्बर जैन मंदिर का वार्षिक कलशाभिषेक एवं दीक्षार्थियों की गोद भराई कार्यक्रम रविवार को महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के तत्वावधान में पट्टाचार्य आचार्य विशुद्धसागर महाराज के शिष्य मुनि अनुपम सागर महाराज एवं मुनि निर्मोहसागर महाराज ससंघ के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। समारोह में आचार्य सुंदरसागर महाराज के सानिध्य में जयपुर में जैनेश्वरी दीक्षा स्वीकार करने जा रहे दीक्षार्थी विकास भैया, उमंग भैया, पंकज भैया, प्रकाश भैया एवं किरण दीदी की गोद भराई महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के साथ दिगम्बर जैन समाज की विभिन्न संस्थाओं एवं महिला मण्डलों के प्रतिनिधियों द्वारा की गई। समारोह में दीप प्रज्वलन एवं मुनियों का पाद प्रक्षालन एवं अर्ध्य समपर्ण महावीर दिगम्बर जैन समाज के पदाधिकारियों, सभी मंदिरों के प्रतिनिधियों एवं बाहर से पधारे अतिथियों द्वारा किया गया। जिनवाणी भेंट एवं मंगलाचरण त्रिशला महिला मण्डल की सदस्यों ने किया। समाज के बच्चों ने भक्ति नृत्य की प्रस्तुति दी। समारोह में 19 उपवास करने वाली तपस्वी रेखा गदिया के साथ समाज के वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से उपर), समाज की प्रतिभाओं एवं दस,पांच व तीन उपवास की तपस्या करने वाले तपस्वियों का सम्मान किया गया। लगातार दूसरे वर्ष चातुर्मास कराने में अहम भूमिका निभाने पर श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी का समाजजनों द्वारा अभिनंदन किया गया। साथ ही समिति के पदमचंद काला, मीडिया प्रभारी भागचंद पाटनी आदि का भी सम्मान किया गया। मंत्रोच्चार के बीच वार्षिक कलशाभिषेेक का कार्यक्रम हुआ। स्वामी वात्सल्य के बाद शाम को समाज द्वारा दीक्षार्थियों की बग्गी में बिठाकर सुपार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर से बैण्डबाजों के साथ बिन्दोली निकाली गई। शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड के मुख्य मार्गो से निकाली गई बिन्दोली में जगह-जगह समाजजनों ने दीक्षार्थियों का अभिनंदन करते हुए गोद भराई की। स्वामी वात्सल्य के पुण्यार्जक प्रकाशचन्द छाबड़ा, राकेश हिमांशु पाटनी एवं सोमेश ठग परिवार रहा। समारोह में मुनि अनुपम सागर ने कहा कि वह आत्माएं सौभाग्यशाली होती है जिनके मन में संयम लेने के भाव जागृत होते है। संयम लेने से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खुल जाता है। संयम जीवन सबसे श्रेष्ठ ओर पुण्यशाली होता है। उन्होंने दीक्षार्थियों के प्रति मंगलभावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि ये जिनशासन के आराधक बन धर्म की प्रभावना करेंगे। मुनि निर्मोहसागर महाराज ने कहा कि संयम के भाव उनके मन में ही आते है जिनके जीवन में पुण्य का उदय होता है। पुण्य उदय में आए बिना संयम की भावना मन में नहीं आती। संयम जीवन से कर्मो को खपा मुक्ति के मार्ग पर बढ़ सकते है। समारोह में समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने चातुर्मास को सफल बनाने में सहयोगी समाज की सभी संस्थाओं एवं समाजजनों का आभार व्यक्त किया। धर्मसभा का संचालन पदमचंद काला ने किया। आयोजन को सफल बनाने में श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
