ब्यावर विधायक की बेटी कंचन चौहान पर फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र का आरोप: जांच के आदेश

भीलवाड़ा हलचल , जिले के करेड़ा तहसील में कार्यवाहक तहसीलदार कंचन चौहान, जो ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत की बेटी हैं, पर फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने का गंभीर आरोप लगा है। इस मामले की जांच राजस्व मंडल रजिस्ट्रार को सौंपी गई है।
ब्यावर निवासी फणीश कुमार सोनी ने मुख्यमंत्री को शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद निदेशालय विशेष योग्यजन के अतिरिक्त निदेशक चन्द्र शेखर चौधरी ने राजस्व मंडल रजिस्ट्रार को प्रमाण पत्र की वैधता की जांच करने के निर्देश दिए। शिकायत में मांग की गई है कि कंचन चौहान के 2018 से पहले भरे गए यूपीएससी फॉर्म्स की जांच हो और यह स्पष्ट किया जाए कि उनकी बधिरता किस वर्ष से शुरू हुई। इसके अतिरिक्त, यह भी अनुरोध किया गया है कि कंचन का नया मेडिकल परीक्षण किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा कराया जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
कंचन चौहान, जो ब्यावर के हाउसिंग बोर्ड, चौधरी कॉलोनी की निवासी हैं, इससे पहले महिला एवं बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थीं। आरोपों के जवाब में विधायक शंकर सिंह रावत ने इन्हें गलत बताया है। उन्होंने कहा कि जमीनी मामले में नियमविरुद्ध मदद की उम्मीद लेकर आए व्यक्ति का गलत काम नहीं किया गया।
फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के मामलों में राजस्थान में पहले भी सख्त कार्रवाई हो चुकी है। उदाहरण के लिए, मुरैना में 77 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द की गई थीं, जिन्होंने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। हाल ही में, राजस्थान लोक सेवा आयोग ने भी आरएएस भर्ती-2023 में संदिग्ध दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की गहन जांच शुरू की है।
