सेकंड हैंड Phone खरीदने से पहले जरूर कर लें ये 2 मिनट का काम, वरना हो सकती है जेल

सेकंड हैंड Phone खरीदने से पहले जरूर कर लें ये 2 मिनट का काम, वरना हो सकती है  जेल
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संचार मंत्रालय ने मोबाइल सुरक्षा और साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों का सीधा असर सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने और बेचने वालों पर पड़ेगा। अब किसी भी मोबाइल नंबर और फोन की असली पहचान की जांच पहले से अधिक आसान हो जाएगी।

मोबाइल नंबर वेलिडेशन प्लेटफार्म सक्रिय

नए नियमों के तहत मंत्रालय ने मोबाइल नंबर वेलिडेशन नाम का प्लेटफार्म शुरू किया है। इस प्लेटफार्म पर दर्ज किए गए नंबर की जानकारी सीधे टेलीकॉम ऑपरेटर के पास जाती है। ऑपरेटर पूरी जांच करने के बाद उसकी सही स्थिति एमएनवी सिस्टम पर डाल देता है। इससे बैंकों और अन्य सेवाओं को यह पता चल सकेगा कि नंबर इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति वही है जिसके नाम पर वह जारी है। कई बार दूसरे के नंबर से म्युल खाते खोलकर साइबर फ्रॉड किए जाते हैं, जिन्हें इस व्यवस्था से रोका जा सकेगा।

पुराने फोन पर भी नए नियम लागू

अब सेकेंड हैंड फोन बेचने से पहले उसका आईएमईआई नंबर जांचना जरूरी होगा। विभाग ने ब्लैकलिस्टेड मोबाइल फोनों का केंद्रीकृत डाटाबेस तैयार किया है। यदि किसी फोन का आईएमईआई इस सूची में है, तो उसकी खरीद-फरोख्त अवैध मानी जाएगी। इससे चोरी के मोबाइल बेचने की समस्या पर रोक लगेगी।

पहचान साझा करना अनिवार्य

सरकार ने टेलीकॉम आइडेंटिफायर यूजर इनटिटी के तहत मोबाइल फोन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा करना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा संचार साथी पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति जांच सकता है कि उसके नाम पर कितने सिम जारी किए गए हैं। कई बार लोगों को पता भी नहीं होता और फर्जी तरीके से उनके नाम पर सिम जारी कर साइबर ठगी की जाती है।


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