जलझूलनी एकादशी पर निकलेगा बेवाण
भीलवाड़ा । नौगांवा सांवलिया सेठ का गणेश चतुर्थी पर भव्य श्रृंगार किया गया। पुजारी दीपक व आनंद पाराशर की ओर से किए श्रृंगार के तहत सांवलिया सेठ लाल रंग की मकबली कसीदे वाली पोशाक पहने, पोशाक में सुनहरी गोटा किनारी लगी हुई, सर पर स्वर्णिम मोर मुकुट धारण किये , मस्तक पर केशर चंदन तिलक लगाए , दाढ़ी में हीरा लगाएं,गले में मोतियों का हार व कमल माला धारण किए हुए, हाथों में शंख चक्र गदा लिए,फूलों के बीच मुरली बजाते हुए नन्हे गणेश जी को लिए लड्डुओं का भोग लगाते हुए मनमोहक दर्शन दे रहे थे। मंदिर व्यवस्था प्रबंधन प्रमुख गोविन्द प्रसाद सोडानी ने बताया कि जलझुलनी एकादशी मेले के उपलक्ष में मंदिर की दूधिया रोशनी से सजावट व फूलों से श्रृंगार 11 सितंबर से ही शुरू हो जाएगा। इस दिन राधाष्टमी पर ठाकुर जी को 56 भोग लगेगा । 12 सितम्बर को 108 बार संगीतमय हनुमान चालीसा का पाठ होगा। बालकों की कृष्ण सजाओ प्रतियोगिता रहेंगी ।अक्षत व पारस म्यूजिक पार्टी शाम 7 बजे दूधिया रोशनी में पाठ शुरू करेगी। मंदिर में फूलों की सजावट होगी। हनुमान जी के साथ सेल्फी के लिए पॉइंट बनेगा। सांवलिया सेठ का बजरंग बली रूप में भव्य श्रुँगार किया जाएगा। मंदिर प्रांगण को वाटर प्रूफ किया जाएगा। 13 सितंबर को अखण्ड रामायण पाठ टीम बनाकर पीत वस्त्र में बैठते हुए होगा । जल झूलनी एकादशी पर 14 सितंबर को सांवरिया सेठ का भव्य शृंगार किया जाएगा। झूला झुलाने के लिए नौगांवा के तालाब पर गाजे बाजे के साथ घोड़े, डीजे ले जाए जाएंगे।लगभग 108 कार्यकर्ता भारतीय वेशभूषा में धोती कुर्ता पहने मेले की शोभा बढ़ाएंगे। मेले में गोशाला व सांवलिया सेठ से संबंधित कटआउट की झांकी भी रहेगी। आगरा के प्रसिद्ध कलाकारों की चलित झांकी, कल्पवृक्ष की परिक्रमा और हंसी के फ़व्वारे वाले मेले की शोभा बढ़ाएंगे। मेवाड़ के प्रसिद्ध कारीगर द्वारा मेरा वृन्दावन, कनक बिहारी, बाल गोपाल की क्रीड़ा, अयोध्या द्वार, घड़ियाल, कनक बिहारी, श्री नाथ जी और बछड़ा की झांकिया बनाई जाएगी। मार्ग में आने वालों को तक़लीफ न हो इसकी सुंदर पार्किंग व्यवस्था कर रखी गई है। बच्चों के लिए झूले, चकरी, रेलगाड़ी, मेले में लगाई जाएगी। इस दिन सुबह 6 बजे दुग्धाभिषेक, 8 बजे यज्ञ हवन होगा। आहुतियां गाय के घी के साथ गोबर से बने कंडो के साथ दी जाएगी। यह विश्व शांति की कामना के लिए किया जाएगा । पद यात्रियों के आवागमन पर उनका सम्मान किया जाएगा। मंदिर परिसर में फलाहारी उत्तम जलपान की व्यवस्था ट्रस्ट द्वारा की जा रही है। गोमाता के साथ सेल्फी प्वाइंट के माध्यम से गो दर्शन गो परिक्रमा की विशेष व्यवस्था की गई है। इसमें स्वागत समिति, प्रचार प्रसार समिति, लाइट माइक, टेंट, भोजन निर्माण, बेवाण शोभायात्रा समिति, दुग्धाभिषेक, हवन व स्वच्छता समितियां बनाई गई है। विशेष रूप से मेले में दर्शनार्थियों को कपड़े के थैले उपलब्ध कराएंगे जिससे व भगवान ठाकुर जी के चढ़ावे में प्लास्टिक की थैली का उपयोग नहीं करेंगे साथ ही पंक्तिबद्ध सुव्यवस्थित अनुशासित दर्शन के लिए टीम लगायी जाएगी। कार्यक्रम को लेकर तैयारियों में बालचंद, रामस्वरूप अग्रवाल, गणपतसिंह नौगांवा सरपंच जुटे हुए हैं।