भीलवाड़ा: गांव-गांव खुलेंगे कृषि यंत्र किराये पर देने वाले केंद्र, किसानों को मिलेगी बड़ी राहत

भीलवाड़ा प्रदेश सरकार की नई पहल से भीलवाड़ा सहित पूरे राजस्थान के किसानों को खेती के लिए महंगे कृषि यंत्र खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य सरकार ग्राम पंचायत स्तर पर कस्टम हायरिंग केंद्र (Custom Hiring Centres) स्थापित कर रही है, जहां किसान ट्रैक्टर, थ्रेशर, रोटावेटर, रीपर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल और फसल अवशेष प्रबंधन जैसे महंगे उपकरण किराए पर ले सकेंगे।
इस योजना का उद्देश्य लघु एवं सीमांत किसानों को राहत देना और खेती की लागत को कम कर उनकी आय में बढ़ोतरी करना है। इससे उन किसानों को लाभ मिलेगा, जो सीमित संसाधनों के चलते उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल नहीं कर पाते।
एक हजार केंद्र खोलने का लक्ष्य
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 1,000 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना का लक्ष्य रखा है। बूंदी जिले में 48 केंद्र खुलने की योजना है। यह योजना केंद्र सरकार की "सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन" के तहत चलाई जा रही है।
ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा
किसान अब कृषि यंत्रों को ऑनलाइन भी बुक कर सकेंगे। इसके लिए "राजकिसान कस्टम हायरिंग ऐप" लॉन्च किया गया है, जहां बुकिंग से लेकर भुगतान तक की प्रक्रिया डिजिटल रूप से संभव होगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और किसान बिना किसी दलाल या बिचौलिये के सीधे सेवा ले सकेंगे।
संचालन का जिम्मा
इन केंद्रों का संचालन क्रय-विक्रय सहकारी समितियों, ग्राम सेवा सहकारी समितियों, राजीविका क्लस्टर लेवल फेडरेशन, प्रगतिशील किसानों एवं निजी सेवा प्रदाता फर्मों को सौंपा जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
किसानों को होगा बड़ा लाभ
यह पहल राजस्थान सरकार के "कृषि को लाभ का धंधा" बनाने के विजन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे जहां किसानों को किफायती दरों पर आधुनिक यंत्र मिलेंगे, वहीं खेती में उत्पादकता भी बढ़ेगी।सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और समय रहते पंजीकरण करवाएं।
