भीलवाड़ा हस्तशिल्प मेला 2025 का शुभारंभ, देशभर के कारीगर एक ही छत के नीचे

भीलवाड़ा । MSME मंत्रालय, भारत सरकार के Raising & Accelerating MSME Performance (RAMP) कार्यक्रम के अंतर्गत NABCONS द्वारा आयोजित “भीलवाड़ा हस्तशिल्प मेला – 2025” का शुभारंभ बुधवार को भीलवाड़ा ग्रामीण हाट परिसर में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विधायक श्री अशोक कोठारी व जनप्रतिनिधि प्रशान्त मेवाड़ा ने मेले का उद्घाटन किया एवं मेले में देशभर के विभिन्न राज्यों से आए हस्तशिल्पियों द्वारा प्रदर्शित उत्पादों का अवलोकन किया।
समारोह में विधायक अशोक कोठारी ने स्थानीय कारीगरों एवं स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की। उन्होंने ग्रामीण स्तर पर हस्तशिल्प आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन कारीगरों के कौशल, पहचान और आय संवर्धन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कार्यक्रम में जिला उद्योग केंद्र, भीलवाड़ा के महाप्रबंधक कमलेश मीणा ने उद्योग विभाग की भूमिका, हस्तशिल्प मेलों के महत्व तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी साझा की।
सात दिवसीय इस मेले में जिले, राज्य एवं भारत के विभिन्न जिलों से आए दस्तकार, कारीगर एवं स्वयं सहायता समूहों ने पारंपरिक और आकर्षक हस्तनिर्मित उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की है। मेले में बनारसी साड़ियाँ, कोटा डोरिया साड़ियाँ, लकड़ी के हस्तनिर्मित उत्पाद, कश्मीरी शॉल, मिर्जापुर की कालीनें, तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित प्राकृतिक साबुन, हर्बल शैम्पू और आयुर्वेदिक चूर्ण जैसे उत्पाद प्रमुख आकर्षण बने हुए हैं। इसके अतिरिक्त राजस्थान की ब्लॉक प्रिंट एवं बाग प्रिंट वस्त्र, क्राफ्ट, गुजरात की बंधनी, पर्यावरण–अनुकूल टेराकोटा कला और हस्तनिर्मित ज्वेलरी जैसे विविध उत्पाद भी आगंतुकों को आकर्षित कर रहे हैं। विविधता से भरपूर यह मेला कारीगरों को राष्ट्रीय मंच प्रदान करने, स्थानीय उत्पादों के बाज़ारीकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NABCONS कंपनी के प्रतिनिधि अजय मेनारिया ने बताया कि RAMP कार्यक्रम MSMEs एवं ग्रामीण उद्यमियों को मजबूत करने के उद्देश्य से देशभर में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से क्रियान्वयन कर रहा है। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा हस्तशिल्प मेला इस दिशा में एक प्रभावी पहल है जो स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करता है। इवेंट कोऑर्डिनेटर अमरेश सिंह ने बताया कि यह मेला न केवल कारीगरों को मंच प्रदान करता है, बल्कि उनके कौशल, उत्पादों और परंपराओं को व्यापक स्तर पर पहुँचाने का अवसर भी उपलब्ध कराता है।
