बरसते पानी में आस्था भारी: भक्ति में डूबा भीलवाड़ा: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का हुआ समापन”

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भीलवाड़ा हलचल।

चार दिवसीय छठ महापर्व के अंतिम दिन मंगलवार को व्रतियों ने उदय होते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। बरसते पानी में भी तड़के चार बजे से ही श्रद्धालु महिलाओं और पुरुषों की भीड़ विभिन्न घाटों पर उमड़ पड़ी। हाथों में सूप, फल, ठेकुआ और प्रसाद लिए व्रती सूर्यदेव की उपासना में लीन रहे।



बारिश के कारण मौसम ठंडा होने के बावजूद आस्था की राह में कोई बाधा नहीं आई। श्रद्धालु भक्ति और उत्साह से ओतप्रोत होकर वाटर वर्क्स, मानसरोवर झील, नेहरू तलाई के साथ ही अन्य घाटों पर वर्षा के बाद भी पहुंचते रहे। सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत और चार दिन तक चलने वाले महापर्व का मंगलवार को विधिवत समापन हुआ। घाटों पर छठ गीत और आतिशबाजी से माहौल उल्लासमय बन गया।

पूर्वांचल समिति के संस्थापक रजनीश वर्मा ने लोगों को पर्व की बधाई देते हुए कहा कि छठ सबसे बड़ा लोकपर्व है, जो आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है।


वहीं अर्चना दुबे ने कहा कि “छठ पूजा हमारे समाज की एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।”


सूर्य उपासना का यह पर्व नहाय-खाय से शुरू होकर सोमवार शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य और मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हुआ। इस दौरान श्रद्धा, स्वच्छता और अनुशासन का सुंदर संगम देखने को मिला। इस मौके पर एक दूसरे को बधाई दी अब छठ प्रसाद का वितरण का दौर चलेगा।


भीलवाड़ा में पिछले 30 घंटे से भी अधिक समय से लगातार हो रही बारिश के बावजूद छठ पूजा को लेकर लोगों में श्रद्धा और उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी।


बरसते पानी में सिर पर टोकरा और पूजा सामग्री लिए श्रद्धालु आज वाटर वर्क्स टैंक, मानसरोवर, नेहरू तलाई सहित विभिन्न घाटों पर पहुंचे और उदय होते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिनों की तपस्या पूर्ण की।


छठ समिति द्वारा अतिथियों का किया सम्मान


भारी वर्षा के बीच विधायक अशोक कोठारी भी वाटर वर्क्स टैंक पहुंचे और छठव्रतियों को शुभकामनाएं दीं।

स्वच्छता के लिए पूर्वांचल समिति द्वारा 5100 रुपए का पुरस्कार दिया गया फोटो हलचल

इस दौरान विधायक अशोक कोठारी व आर एस एम डब्ल्यू के रजनीश वर्मा ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिए पूर्वांचल समिति की ओर से 5100 का पुरस्कार प्रदान किया।पुरस्कार समिति के दिनेश साहनी और उनकी टीम ने ग्रहण किया।

छठव्रतियों ने कहा कि चाहे बारिश हो या ठंड, आस्था के आगे सब फीका है। श्रद्धालु नेहा ने बताया कि यह पर्व परिवार, पुत्र और पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है, इसलिए किसी भी परिस्थिति में व्रत पूरा करना जरूरी होता है।

‘नहाय-खाय’ से शुरू हुआ यह पर्व आज सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही विधिवत संपन्न हो गया।


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