भीलवाड़ा विधायक कोठारी- समाज सुधार की दिशा में मील का पत्थर है धर्म परिवर्तन विधेयक

भीलवाड़ा विधायक कोठारी- समाज सुधार की दिशा में मील का पत्थर है धर्म परिवर्तन विधेयक
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भीलवाड़ा । विधानसभा में सरकार द्वारा रखे गए राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन विधेयक 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक के पारित होने पर भीलवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक अशोक कोठारी ने राज्य सरकार से कहा कि राजस्थान का यह विधेयक देश के सबसे सख्त धर्म परिवर्तन विरोधी कानूनों में गिना जायेगा। इसमें न केवल कठोर दंड प्रावधान हैं, बल्कि प्रक्रियात्मक रूप से जिलाधिकारी की निगरानी और सूचना तंत्र को भी शामिल किया गया है।

इस विधेयक में लव जिहाद जैसे जघन्य अपराधो से मुक्ति हेतु लम्बे समय से मांग चल रही थी। जिसके आज पास होने के पश्चात राजस्थान में किसी भी व्यक्ति को लाभ या लालच देकर जैसे नगद, नौकरी, शिक्षा, बेहतर जीवन, विवाह का झांसा एवं धोखाधड़ी और बल के जरिए धर्म परिवर्तन करना वर्जित होगा तथा धर्म परिवर्तन अपराध की श्रेणी में गिना जाएगा।

विधायक कोठारी ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि यह विधेयक बहुत पहले ही पारित हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधेयक से सुंदर और श्रेष्ठ समाज का निर्माण होता है। देश की संस्कृति धरती की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है, यह देश ऋषि मुनियों की धरती है, जहाँ प्रत्येक मनुष्य अपने संस्कार साथ लेकर आता है। संस्कार से स्वभाव का निर्माण होता है, जिससे व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि किसी को भी भय और प्रलोभन से धर्म परिवर्तन नहीं करवाना चाहिए।

उन्होंने विपक्ष के इस महत्वपूर्ण विधेयक पर भाग नहीं लेने को आश्चर्यजनक बताते हुए कहा कि विपक्ष अपने दायित्व का अच्छे से पालन नहीं कर रहा है आशा जताई कि आगे से वे ऐसे मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग देंगे।

विधेयक में यह स्पष्ट किया गया है कि धोखादड़ी और बल के जरिये धर्म पविर्तन वर्जित होगा, जैसे झूठी पहचान, मानसिक और शारीरिक दबाव और सामाजिक बहिष्कार की धमकी को शामिल किया गया है। इस विधेयक में सामूहिक धर्म परिवर्तन जिसमे दो या अधिक व्यक्ति होने पर 20 वर्ष से आजीवन कारावास और ₹25 लाख जुर्माना अनिवार्य होगा। महिला, नाबालिग, दिव्यांग या एससी/एसटी वर्ग के धर्म परिवर्तन पर 10 से 20 वर्ष की सजा और न्यूनतम ₹10 लाख जुर्माना होगा। किसी भी धर्म परिवर्तन के लिए इच्छुक व्यक्ति और धर्माचार्य (पुजारी/फादर/मौलवी आदि) को जिलाधिकारी को 90 दिवस पहले इस बाबत पूर्व सूचना देना होगी। नियमों का उल्लंघन करने पर धर्म परिवर्तन अवैध और शून्य माना जाएगा।

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