अरावली संरक्षण पर केंद्र सरकार के ऐतिहासिक निर्णय का भीलवाड़ा विधायक कोठारी ने किया स्वागत

अरावली संरक्षण पर केंद्र सरकार के ऐतिहासिक निर्णय का भीलवाड़ा विधायक कोठारी ने किया स्वागत
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भीलवाड़ा । केंद्र सरकार द्वारा अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए लिए गए कड़े फैसलों का भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने स्वागत किया है। केंद्र सरकार के केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि अरावली क्षेत्र में माइनिंग लीज प्रतिबंधित रहेगी, नए खनन पट्टों पर पूर्ण रोक होगी और पर्यावरण की रक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

विधायक कोठारी ने इस निर्णय को आने वाली पीढ़ियों के लिए "जीवन रक्षक" बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री का हृदय से आभार व्यक्त किया है।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम अधिसूचना के अनुसार अरावली की पारिस्थितिक संवेदनशीलता को देखते हुए अब इस क्षेत्र में माइनिंग रिलीज प्रतिबंध रहेगी, किसी भी प्रकार की नई खनन गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाएगी। अरावली की रक्षा के मामलों में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने सभी राज्यों को अरावली क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

विधायक कोठारी ने कहा कि अरावली न केवल राजस्थान बल्कि पूरे उत्तर भारत का रक्षा कवच है। माइनिंग पर रोक लगने से रेगिस्तान के विस्तार को रोकने में और भू-जल स्तर में सुधार होगा।

केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दिए कड़े निर्देशों से अरावली की पहाड़ियों के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा अब समाप्त होगा। सरकार का यह रुख वन्यजीवों के संरक्षण और पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

विधायक अशोक कोठारी ने कहा कि "अरावली हमारी धरोहर है। वर्षों से अनियंत्रित खनन के कारण प्रकृति को जो नुकसान पहुँचा है केंद्र सरकार का यह फैसला उस पर मरहम का काम करेगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का यह आदेश स्पष्ट करता है कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ अब स्वीकार्य नहीं होगा। हम विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन पर्यावरण को अनदेखा कर किया गया विकास विनाशकारी होता है। मैं इस निर्णय के लिए केंद्र सरकार की दूरदर्शिता को नमन करता हूँ।"

विधायक कोठारी ने जिला प्रशासन और संबंधित विभागों से भी अपील की है कि वे केंद्र के इन निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करें और भीलवाड़ा सहित आसपास के अरावली क्षेत्रों में हो रहे किसी भी प्रकार के अवैध हस्तक्षेप पर तुरंत रोक लगाएँ।

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