भीलवाड़ा दूध उत्पादन में प्रदेश में 11वां स्थान: जिले में कपड़ा उद्योग के बाद सबसे बड़ा सहारा पशुपालन

भीलवाड़ा हलचल राजस्थान पशुपालन विभाग की वर्ष 2023-24 की अनुमानित पशु उत्पाद रिपोर्ट के अनुसार भीलवाड़ा कपड़ा उत्पादन के साथ-साथ अब पशुपालन के क्षेत्र में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है। जिले की सबसे अधिक आबादी पशुपालन पर निर्भर है और हर साल लाखों टन दूध उत्पादन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।
रिपोर्ट के अनुसार भीलवाड़ा जिले में विभिन्न नस्लों की गाय, भैंस और बकरियों के माध्यम से कुल 11 लाख 92 हजार 292 टन दूध का वार्षिक उत्पादन हो रहा है। दूध उत्पादन में स्वदेशी और गैर-वर्णित (नॉन-डिस्क्रिप्ट) नस्लों की हिस्सेदारी बड़ी है, जबकि सबसे अधिक उत्पादन स्थानीय भैंसों से मिल रहा है।
दूध उत्पादन की राज्य स्तरीय रैंकिंग में भीलवाड़ा 11वें स्थान पर है। सीकर सबसे ऊपर है जबकि सिरोही प्रदेश में सबसे नीचे है।
राजस्थान में दूध उत्पादन की स्थिति
रैंक – जिला – उत्पादन (टन में)
1. सीकर – 34,43,404
2. जयपुर – 23,80,665
3. बीकानेर – 22,40,308
4. जोधपुर – 22,07,670
5. बाड़मेर – 17,24,346
6. अलवर – 16,51,149
7. नागौर – 14,30,785
8. अजमेर – 13,09,540
9. उदयपुर – 12,44,187
10. दौसा – 12,39,290
11. भीलवाड़ा – 11,92,292
12. जालोर – 10,81,570
13. झुंझुनूं – 10,78,064
14. भरतपुर – 9,46,493
15. हनुमानगढ़ – 9,04,497
16. श्रीगंगानगर – 8,49,682
17. चूरू – 7,99,750
18. जैसलमेर – 7,51,397
19. टोंक – 7,25,536
20. बांसवाड़ा – 6,64,000
21. पाली – 6,32,587
22. धौलपुर – 6,31,181
23. बारां – 6,21,420
24. कोटा – 6,18,821
25. झालावाड़ – 6,09,032
26. सवाई माधोपुर – 6,04,131
27. डूंगरपुर – 6,04,697
28. राजसमंद – 5,70,636
29. बूंदी – 5,20,538
30. चित्तौड़गढ़ – 5,05,685
31. करौली – 4,28,339
32. प्रतापगढ़ – 2,79,980
33. सिरोही – 2,41,329
भीलवाड़ा जिले में बढ़ता दूध उत्पादन इस बात का संकेत है कि पशुपालन ग्रामीण परिवारों की आय का स्थायी स्रोत बनता जा रहा है। यहां पशुधन की विविध नस्लें और स्थानीय भैंसों की उत्पादन क्षमता जिले को प्रदेश के प्रमुख दुग्ध उत्पादक क्षेत्रों में बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
