भीलवाड़ा की बेटी, गिरजा ने अमेरिका में बढ़ाया भारत का मान, बनीं राजस्थान की पहली अंतर्राष्ट्रीय महिला पायलट

भीलवाड़ा, -भीलवाड़ा की बेटी गिरजा राजावत ने अपने अटूट संकल्प और हौसले से यह साबित कर दिया है कि अगर इंसान ठान ले, तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। भरतपुर ज़िले के एक छोटे से गाँव से निकलकर, भीलवाड़ा में पली-बढ़ी गिरजा ने अब राजस्थान की पहली अंतर्राष्ट्रीय महिला पायलट बनकर देश का गौरव बढ़ाया है।
गिरजा राजावत वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका के फ़ीनिक्स एयरपोर्ट (Phoenix Airport) में अपना प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। एयर इंडिया में पहले ही प्रयास में चयन प्राप्त करके, उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।
भरतपुर के गाँव में जन्मी गिरजा को उनके पिता, गोविंद सिंह राजावत, ने बेहतर शिक्षा के लिए भीलवाड़ा लाया था। कॉमर्स से स्नातक और फैशन डिज़ाइनिंग का कोर्स करने के बाद, गिरजा एक प्रतिष्ठित कंपनी में अच्छी नौकरी कर रही थीं। हालांकि, पिता के देश सेवा के सपने को पूरा करने के लिए, गिरजा ने नौकरी छोड़ दी और भारतीय वायुसेना में आवेदन किया। विज्ञान विषयों की कमी के कारण पहली बार उन्हें अस्वीकृति मिली। गिरजा ने हार नहीं मानी और चार साल बाद, उन्होंने 11वीं और 12वीं की परीक्षा फिजिक्स और मैथ्स विषयों के साथ दोबारा उत्तीर्ण की। दोबारा आवेदन करने पर, इस बार ऊँचाई कम होने के कारण उनका चयन नहीं हो सका, लेकिन उनके हौसले की उड़ान नहीं थमी। इसके बाद गिरजा ने एयर इंडिया में आवेदन किया और पहले ही प्रयास में उनका चयन हो गया। आज, वे अंतर्राष्ट्रीय पायलट के रूप में प्रशिक्षण ले रही हैं और लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं।
अपनी सफलता का श्रेय देते हुए, गिरजा राजावत ने कहा, ’’मेरी प्रेरणा मेरे आध्यात्मिक गुरु आशुतोष महाराज हैं, जिनकी कृपा से ही यह सब संभव हुआ। मैं बचपन से ही अध्यात्म में रुचि रखती हूँ और वेद-मंत्र, शांति-मंत्र व रुद्री पाठ कंठस्थ हैं।’’ गिरजा राजावत की यह उपलब्धि भीलवाड़ा और पूरे राजस्थान के लिए गर्व का विषय है।
