भाजपा नेता सतीश पूनियां ने चुनाव आयोग के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम पर विपक्ष के विरोध को गलत बताया
भीलवाड़ा। भाजपा के हरियाणा प्रभारी एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने चुनाव आयोग के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध पर प्रतिक्रिया दी है। पूनियां ने कहा कि चुनाव आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता सूची सही और निष्कलंक हो, ताकि चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष हों।
उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग चाहता है कि वोट खरा हो, बोगस नहीं हो। अगर इस पुनरीक्षण को राजनीतिक रंग दिया जाता है, तो यह गलत है।" पूनियां ने यह भी कहा कि कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी का यह दिवालियापन है कि वे चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर सवाल उठा रहे हैं।
पूनियां ने बिहार में चल रहे मतदाता सूचियों के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआरएस) का उदाहरण दिया, जिसमें 65 लाख फर्जी या बोगस वोटों का मामला सामने आया है, जिसमें 20 लाख मृतक व्यक्तियों के नाम भी शामिल थे। उन्होंने कहा, "अगर इस तरह के सर्वेक्षण पूरे देश में होते हैं, तो यह लोकतंत्र और चुनाव आयोग की मजबूती के लिए उचित होगा और सभी को इसका स्वागत करना चाहिए।"
राजस्थान में भी मतदाता सूची के पुनरीक्षण की आवश्यकता जताते हुए पूनियां ने कहा, "जयपुर और अन्य बड़े शहरों में ऐसे लोग आ गए हैं जिनकी पहचान संदिग्ध है। कई बार यह लोग कचरा उठाने या कामकाजी महिलाओं के रूप में काम करते हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि वे बांग्लादेशी रोहिंग्या हो सकते हैं।"
पूनियां ने विपक्ष के विरोध को भ्रम फैलाने वाली राजनीति बताया और कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों का विरोध उचित नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग की बातों को प्रामाणिक बताया और कहा कि यह कदम लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल बिहार नहीं, बल्कि अन्य राज्यों जैसे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और असम में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।