समस्याओं से जूझता बोरड़ा गांव, विकास की राह अब भी अधूरी

भीलवाड़ा। पंचायत समिति सुवाणा की ग्राम पंचायत आटूण के अंतर्गत आने वाला गांव बोरड़ा वर्षों से बुनियादी समस्याओं से ग्रस्त है और विकास की बाट जोह रहा है। ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन, विभिन्न शिविरों और ग्राम पंचायत की बैठकों में कई बार पत्र व ज्ञापन सौंपे जाने के बावजूद अब तक समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है।
गांव के समाजसेवी दुर्गालाल बारेठ ने बताया कि बोरड़ा में श्मशान घाट तो बना हुआ है, लेकिन वहां तक पहुंचने का रास्ता निजी भूमि से होकर गुजरता है। यह रास्ता अत्यधिक कीचड़युक्त और खराब है, जिससे दाह संस्कार के लिए लकड़ियां कंधों पर ढोनी पड़ती हैं। इस पीड़ा को ग्रामीण वर्षों से सहन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से बार-बार आग्रह के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
गांव में निर्मित सामुदायिक भवन में रसोईघर, आवश्यक सुविधाएं और बाउंड्री नहीं होने के कारण कोई भी सामाजिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाता। भवन उपयोग के अभाव में बेकार पड़ा है। बोरड़ा से नाथडियास रोड के निर्माण की भी सख्त जरूरत है, क्योंकि रास्ते में किसानों के खेत होने से आवागमन में भारी परेशानी होती है। कीचड़युक्त मार्ग से ग्रामीण अत्यधिक त्रस्त हैं।
तेजाजी के स्थान से पुराने प्राथमिक विद्यालय तक, गोपीलाल कुमावत की दुकान से भील बस्ती होते हुए नारायणलाल बारेठ के मकान तक सड़क पर गड्ढे और पानी भरा रहने से आवागमन बाधित हो रहा है। दोनों ओर नालियों का निर्माण आवश्यक है। बोरड़ा में पानी की टंकी स्वीकृत होने के बावजूद अब तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
राउप्रावि बोरड़ा के पीछे महिला स्नानघर के पास की सड़क भी कीचड़युक्त है, जहां नाली और सीसी सड़क निर्माण की जरूरत है। हजारीखेड़ा चौराहे से बोरड़ा आने वाला मार्ग सिक्स लेन के पास अत्यधिक खराब है, जहां एक छोटी पुलिया का निर्माण भी आवश्यक है।
ग्रामीणों की मांग है कि राउप्रावि बोरड़ा को माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया जाए, उपस्वास्थ्य केंद्र और पटवार सर्किल बोरड़ा में खोले जाएं। साथ ही राउप्रावि बोरड़ा एवं राबाउप्रावि बोरड़ा में पांच-पांच अतिरिक्त कक्षाकक्षों का निर्माण कराया जाए।
बोरड़ा गांव में आंगनवाड़ी केंद्र बना हुआ है, लेकिन जर्जर अवस्था में होने के कारण नए भवन की आवश्यकता है। फिलहाल आंगनवाड़ी पुराने प्राथमिक विद्यालय में संचालित हो रही है। इसके अलावा हजारीखेड़ा चौराहे से बोरड़ा तक सड़क पर नहर का पानी खेतों तक पहुंचाने के लिए चार स्थानों पर नालदा लगवाने की भी मांग की गई है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन जल्द उनकी समस्याओं पर ध्यान देकर बोरड़ा गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगा।
