भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता: संत हरशुकराम

भीलवाड़ा। शहर के रामद्वारा में सजंय कॉलोनी निवासी सामरिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञानयज्ञ के समापन पर पूर्णाहुति, हवन, और महाआरती का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में महिला-पुरूषों ने भाग लिया। इस दौरान भागवत् कथा के आयोजक सामरिया परिवार जनो के साथ ही श्रद्धालुओं ने कथा के समापन पर वेद मंत्रोच्चारण के बीच हवन यज्ञ में आहुति देकर विश्व में शांति और सभी के खुशहाली की कामना की। इससे पुर्व कथावाचक रामस्नेही संत हरशुकराम ने सुदामा चरित्र, परिक्षित मोक्ष के प्रसंगो का वर्णन करते हुए कहा कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। संत श्री ने कहा की यज्ञ का धुआं वातावरण एवं वायु मंडल को शुद्ध करने के साथ लोगों के आत्मबल को बढ़ाता है। यज्ञ से वातावरण में शुद्धता के साथ ही अपने भीतर के अवगुण भी दूर होते हैं। संत हरशुकराम ने सुदामा चरित्र प्रसंग में बताया की सुदामा चरित्र सच्ची मित्रता, भक्ति और निस्वार्थ प्रेम के महत्व को दर्शाता है। यह कहानी हमें सिखाती है कि भगवान अपने भक्तों की हमेशा मदद करते हैं, भले ही उनकी परिस्थितियां कैसी भी हों। यह हमें यह भी सिखाता है कि सच्ची मित्रता धन और सामाजिक स्थिति से परे होती है। आयोजक परिवार के रतनलाल सामरिया सहित श्रवण कुमार, अशोक कुमार, गोपाल, संजय, राजकुमार, कपिल कुमार सामरिया, रमेश राठी, महावीर पोरवाल ने संतश्री का माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया। अंत मे प्रसाद वितरण किया गया।
