सीए छात्रों को मिलेगा आर्थिक संबल, आईसीएआई ने बढ़ाई छात्रवृत्तियां

भीलवाड़ा । चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए एक बेहद सकारात्मक खबर सामने आई है। दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) द्वारा विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए छात्रवृत्तियों की राशि में वृद्धि की गई है। इससे अब अधिक संख्या में आर्थिक रूप से कमजोर, परंतु मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता मिल सकेगी। भीलवाड़ा शाखा अध्यक्ष सीए आलोक सोमानी ने बताया कि आईसीएआई की इस नई पहल के अंतर्गत फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल स्तर के छात्रों को अलग-अलग श्रेणियों में प्रतिमाह सहायता प्रदान की जाएगी:
शाखा सिकासा अध्यक्ष सीए पुलकित राठी ने छात्रवृति को विस्तृत समजाते हुए बताया कि फाउंडेशन कोर्स के विद्यार्थियों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में चयनित होने पर ₹1500 प्रतिमाह की छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- इंटरमीडिएट स्तर पर मिलने वाली मेरिट अवार्ड राशि ₹2500 से बढ़ाकर ₹5000 प्रतिमाह कर दी गई है।
- सीए फाइनल छात्रों को मिलने वाली मेरिट अवार्ड राशि ₹2000 से ₹4000 प्रतिमाह तक छात्रवृत्ति मिलेगी,
- जबकि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को भी ₹1500 से ₹2500 प्रतिमाह तक आर्थिक सहयोग मिलेगा।
"वर्ल्ड यूथ स्किल्स डे" पर सीए भीलवाड़ा शाखा द्वारा आयोजित सेमिनार सफलतापूर्वक सम्पन्न
भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान की भीलवाड़ा शाखा द्वारा प्रोफेशनल स्किल्स एनरिचमेंट कमेटी के तत्वावधान में "वर्ल्ड यूथ स्किल्स डे" के अवसर पर 19 जुलाई 2025 को एक दिवसीय सीपीई सेमिनार का सफल आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को कौशल विकास के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया। कार्यक्रम का आयोजन पटेल नगर स्थित आई.सी.ए.आई भवन पर भीलवाड़ा पर किया गया।
भीलवाड़ा शाखा सचिव सीए अक्षय सोडानी ने बताया कि सेमिनार में दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए:
जिसमे प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता सीए आलोक पलोड़ ने सीए आलोक पलोड़ द्वारा संचालित इस सत्र में बताया गया कि किस प्रकार किसी विषय को आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत किया जाए, सुनने वालों पर सकारात्मक प्रभाव डाला जाए और मंच पर भय को कैसे दूर किया जाए।
द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता सीए पुनीत कुमार मेहता ने बताया कि प्रोफेशनल सफलता के लिए सुनने की कला उतनी ही आवश्यक है जितनी बोलने की। क्लाइंट की बातों को समझना, प्रश्नों का सही उत्तर देना, सहकर्मियों के साथ टीम वर्क में संवाद स्थापित करना — इन सभी में निपुणता कैसे प्राप्त की जाए, इस पर विस्तृत चर्चा हुई।
सेमिनार में यह स्पष्ट किया गया कि जैसे-जैसे एआई और टेक्नोलॉजी ऑटोमेशन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे "मनुष्य-केन्द्रित कौशल" जैसे कि सहानुभूति, लीडरशिप, बातचीत, प्रस्तुतीकरण और निर्णय क्षमता की मांग भी तेजी से बढ़ रही है |
