जेतपुरा में जर्जर स्कूल भवन से खतरे में बच्चों की जान, शिक्षा विभाग बेखबर

आसींद (भैरूलाल गुर्जर)। राजस्थान के आसींद क्षेत्र के जेतपुरा गांव में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की जर्जर इमारत छात्रों के लिए खतरे का सबब बन गई है। मानसून के मौसम में यह इमारत हादसों को न्योता दे रही है, लेकिन शिक्षा विभाग इस मामले में आंखें मूंदे बैठा है।
ग्रामीणों के अनुसार, स्कूल भवन का निर्माण 1962 में पीली मिट्टी और चूने से किया गया था। वर्षों पुराने होने के कारण दीवारों और छतों में दरारें आ गई हैं, जिससे बारिश का पानी कमरों में टपकता है। इससे विद्यार्थियों को अध्ययन करने में भारी परेशानी हो रही है।
स्कूल के प्रधानाध्यापक ने बताया कि उन्होंने कई बार शिक्षा विभाग को इस बारे में अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एसएमसी अध्यक्ष गोवर्धन लाल मेघवंशी ने भी शिक्षा विभाग और पंचायत को कई बार इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
ग्रामीणों में इस बात को लेकर गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। इस मौके पर ग्रामीण वार्ड पंच नानूराम बलाई, गोपाल दास वैष्णव, गोपाल साहू, शिवलाल सुथार, नंदलाल सुथार, कुलदीप सिंह, राहुल साहू, शंकर प्रजापत, श्यामलाल साहू समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे। यह घटना शिक्षा विभाग के उस दावे को खोखला साबित करती है, जिसमें वह सरकारी विद्यालयों में बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने की बात करता है। ग्रामीण क्षेत्रों के कई सरकारी विद्यालयों की स्थिति आज भी बेहाल है और जेतपुरा का स्कूल इसका जीता-जागता उदाहरण है।
